क्लोजर रिपोर्ट को बताया दोषपूर्ण
बताते चलें कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दायर एक नई अर्जी में कहा कि पूर्व में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट अधूरी और दोषपूर्ण थी। इसमें पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और अन्य अधिकारियों को क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन जांच में गंभीर खामियां थीं। सरकार ने रिटायर्ड जज आर.एस. राठौड़ की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण सबूतों की अनदेखी की बात कही।जवाब दाखिल करने का दिया समय
दरअसल, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व आईएएस अधिकारी जी.एस. संधू ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया और उत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा। हाईकोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और सभी पक्षों को अगली सुनवाई तक अपनी दलीलें पेश करने के निर्देश दिए।SI भर्ती 2021: हाईकोर्ट ने पूछा- पेपर बाहर आया तो भर्ती जारी क्यों? RPSC और SOG को किया तलब; ED की हो सकती है एंट्री
क्या है एकल पट्टा मामला?
29 जून 2011: जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया।2013: इस पट्टे को लेकर रामशरण सिंह नामक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में शिकायत दर्ज कराई।
2013-2014: ACB ने तत्कालीन एसीएस जी.एस. संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी और शैलेंद्र गर्ग को गिरफ्तार किया।
2014: वसुंधरा सरकार के दौरान एसीबी ने केस दर्ज कर चालान पेश किया।
2018-2023: गहलोत सरकार में एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सभी को क्लीन चिट दे दी।
सुप्रीम कोर्ट: हाईकोर्ट द्वारा क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।