बता दें, कोर्ट इस मामले में अगली सुनावाई 9 जनवरी को करेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को अपना जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया है।
सवाल- स्टे के बावजूद आदेश क्यों जारी?
SI भर्ती को लेकर जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने राज्य सरकार के 31 दिसंबर के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्टे ऑर्डर का सही पालन क्यों नहीं हुआ? जब हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, तो ट्रेनी एसआई को जिलों में फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजने का निर्देश कैसे जारी हुआ? सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने दलील दी कि हमने केवल ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी रखा है। यह भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता आरपी सिंह ने इसे स्पष्ट रूप से अवमानना बताया और कहा कि सरकार यथास्थिति के आदेश की अनदेखी कर रही है। यह स्पष्ट दिखाता है कि सरकार भर्ती रद्द नहीं करना चाहती।
महाधिवक्ता ने दिया ये बयान
महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने अदालत में कहा कि पेपर लीक विवाद और अदालत की यथास्थिति के आदेश के चलते इस भर्ती से जुड़ी कई समस्याएं पैदा हो गई हैं। कई चयनित उम्मीदवार इस प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दी ये दलील
याचिकाकर्ताओं के वकील आरपी सिंह ने दलील दी कि कि सरकार भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की बजाय इसे जारी रखने की कोशिश कर रही है। RPSC से लेकर हर स्तर पर ऐसी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जो भर्ती प्रक्रिया को बचाए रखने का रास्ता दिखाए। अदालत ने कहा कि 31 दिसंबर का आदेश अवमानना के दायरे में आता है और सरकार को जवाब देना होगा।
हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि हम चाहते हैं कि SOG की पूरी रिपोर्ट और सरकार का अंतिम जवाब अदालत के सामने पेश किया जाए। 31 दिसंबर का आदेश क्यों जारी हुआ, इसका स्पष्टीकरण दें और स्टे ऑर्डर का सही से पालन सुनिश्चित करें।
अगली सुनवाई 9 जनवरी को
बता दें, इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी 2024 को होगी। तब तक हाईकोर्ट ने स्टे ऑर्डर को बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार की किसी भी कार्रवाई को आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। गौरतलब है कि SI भर्ती 2021 पेपर लीक मामला सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि वह भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना चाहती है या नहीं।
सरकार और कोर्ट के बीच खींचतान जारी
बताते चलें कि SI भर्ती 2021 में पेपर लीक मामले में 18 नवंबर 2023 को राजस्थान हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। लेकिन 31 दिसंबर 2023 को पुलिस मुख्यालय (PHQ) ने ट्रेनी एसआई को जिलों में फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजने के आदेश जारी किए थे। इधर, 50 ट्रेनी एसआई ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पक्षकार बनने की अपील की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने सरकार से SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की पूरी रिपोर्ट और फाइनल जवाब मांगा है। इसके अलावा पुलिस विभाग ने अब तक 20 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड कर दिया है। 3 जनवरी को जयपुर, उदयपुर रेंज के 11 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया गया था। वहीं, शनिवार को बीकानेर रेंज आईजी ने 8 और अजमेर रेंज आईजी ने एक ट्रेनी एसआई को निलंबित किया है।
कोर्ट में इस तरह चली बहस-
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा- SI भर्ती में दिया गया स्टे ऑर्डर का पालन करे सरकार, 31 दिसंबर के आदेश का मतलब है कि सरकार इस भर्ती को जारी रखना चाहती है?
कोर्ट की एकलपीठ ने पूछा– आखिर स्टे के आदेश के बावजूद कैसे जारी हुए आदेश? राज्य के महाधिवक्ता ने कहा– हमने केवल ट्रेनिंग प्रोग्राम को ही जारी रखा, किसी तरह का कोई नया आदेश जारी नहीं किया
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा– सरकार अपना जवाब पेश नहीं कर रही और नहीं आदेश की पालना कर रही, सरकार इस भर्ती को रद्द नहीं करना चाहती, RPSC से लेकर हर स्तर को रिपोर्ट इसी तरह तैयार की जा रही है
हाईकोर्ट ने कहा– 31 दिसंबर का आदेश अवमानना क्यों नहीं? महाधिवक्ता ने कहा– भर्ती को लेकर हुए विवाद के बाद बहुत से लोग इस भर्ती से त्यागपत्र दे रहे हैं, हम सभी मामलों को देखते हुए हम निष्कर्ष को आने रखना चाहते हैं
हाईकोर्ट ने कहा– हम चाहते है SOG की संपूर्ण रिपोर्ट और सरकार का फाइनल जवाब चाहते हैं