सीएम का फोन आने के बाद सचिव ने आनन-फानन में एक चिट्ठी चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को लिखी। जिसमें उन्होंने विवि की अव्यवस्थाओं के लिए कुलपति, प्राचार्य और अधीक्षक तीनों को ही जिम्मेदार बताते हुए लापरवाह बताया है।
सचिव ने अस्पताल अधीक्षक डॉ.महेन्द्र कुमार बैनाड़ा से एसी नहीं चलने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में एसी मेंटिनेंस का भुगतान 9 माह से नहीं हुआ है। इसके कारण वर्तमान में एसी नहीं चल रहे। सचिव ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को इस मामले में जांच कमेटी गठन के निर्देश दिए हैं।
‘24 घंटे सेवाएं नहीं दे पा रहे, तीनों लापरवाह’
सचिव ने पत्र में लिखा कि आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल है। जहां पर 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध होना अति आवश्यक है। इसके बाद भी ऐसा प्रतीत होता है कि अस्पताल के प्रबंधन में अधीक्षक, प्राचार्य और वीसी की ओर से घोर लापरवाही बरती जा रही है।
भुगतान नहीं हुआ तो भी सेवा नहीं रोक सकते
मेरे आने से पहले मेंटिनेंस वाले के भुगतान को लेकर इश्यू चल रहा था। उसका हमने कुछ समाधान करवा दिया था। सात अप्रेल से एसी नहीं चल रहे थे। राजकीय कार्य में सेवाओं को इस तरह के इश्यू के कारण बाधित नहीं किया जा सकता। अब एसी शुरू हो गए हैं।- डॉ.महेन्द्र बैनाड़ा, अधीक्षक, आरयूएचएस सचिव ने आरयूएचएस में वित्तीय मामलों के अधिकारों पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सभी अस्पतालों में रखरखाव की सामान्यत: जिम्मेदारी अस्पताल अधीक्षक की होती है। लेकिन आरयूएचएस अस्पताल में वित्तीय नियमों के बारे में अस्पष्टता होने के कारण सभी तरह के उपायन और भुगतान अधीक्षक, प्राचार्य और कुलपति के बीच घूमते रहते हैं। इस बिंदू पर वित्तीय सलाहकार की मदद लेकर स्पस्ट आदेश जारी करने के लिए कहा है।
कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की
पूरे मामले की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई । जिसमें उन्हें सोमवार तक मेंटिनेंस भुगतान नहीं होने के लिए लिपिकीय स्तर, अकाउंटेंट स्तर एवं अधिकारी स्तर की जिम्मेदारियां तय कर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कमेटी आरयूएचएस अस्पताल से संबंधित सफाई, रखरखाव, मेनपॉवर, उपकरण, रखरखाव, बिल्डिंग रखरखाव आदि सभी बिंदुओं का परीक्षण भी करेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार आरयूएसचएस अस्पताल को रिम्स बनाने की घोषणा 500 करोड़ रुपये के बजट में गत वर्ष की गई थी।