21 जुलाई तक चलेगा अभियान
राजस्थान सरकार की सतत प्रतिबद्धता और नवाचार आधारित रणनीतियों के चलते टीबी उन्मूलन की दिशा में राज्य में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। चिकित्सा विभाग ने टीबी मुक्त भारत अभियान को धरातल पर मजबूती से उतारते हुए 74 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कर उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। राज्य में 25 जून से चल रहा सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान अब अंतिम चरण में है, जिसकी समय सीमा 21 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है।
टीबी की चुनौती हमेशा से गंभीर
राजस्थान में टीबी की चुनौती हमेशा से गंभीर रही है, खासकर शहरी झुग्गियों, खनन क्षेत्रों, आदिवासी इलाकों और प्रवासी श्रमिकों के बीच संक्रमण के खतरे अधिक रहे हैं। ऐसे में सरकार का यह अभियान घर-घर जाकर अति संवेदनशील जनसंख्या की स्क्रीनिंग कर छिपे मामलों की शीघ्र पहचान सुनिश्चित करने में एक मॉडल प्रयास बनता जा रहा है।
सरकार के ये 5 प्रमुख प्रयास जो बना रहे हैं अभियान को सफल
1. सक्रिय स्क्रीनिंग और व्यापक कवरेज राज्य में अब तक 74 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है, जो लक्ष्य की 44 % प्रगति है। घर-घर जाकर पीएलएचआईवी, डायबिटीज रोगी, बुजुर्ग, कुपोषित, धूम्रपान/मद्यपान करने वाले, और जेलों व स्लम क्षेत्रों में रह रहे लोगों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। 2. तकनीकी नवाचारों का उपयोग “निक्षय पोर्टल” और “आशा डिजिटल हेल्थ ऐप” जैसे आधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिये टीबी रोगियों की रियल टाइम निगरानी, स्क्रीनिंग डेटा एंट्री, और उपचार की ट्रैकिंग की जा रही है। नाट तकनीक (NAAT) को प्राथमिकता देने से जल्दी और सटीक पहचान में सफलता मिली है।
3. संसाधन और बुनियादी ढांचे का विस्तार राज्य में 629 नाट मशीनें, एक्स-रे, माइक्रोस्कोपी सुविधाएं, लैब तकनीशियन और अन्य संसाधनों को बढ़ाया गया है। वर्ष 2024 में 1.71 लाख और 2025 के अब तक 89 हजार से अधिक रोगियों का नोटिफिकेशन, यह बताता है कि इलाज के लिए रोगियों तक पहुंच तेजी से हो रही है।
4. सामुदायिक भागीदारी और निक्षय मित्र योजना राजस्थान में अब तक 35,117 निक्षय मित्र पंजीकृत हो चुके हैं, जो टीबी रोगियों को पोषण, मानसिक सहयोग और देखभाल प्रदान कर रहे हैं। समुदाय आधारित मॉडल से जन सहभागिता बढ़ रही है और सामाजिक कलंक कम हो रहा है।
5. अंतर-विभागीय समन्वय और माइक्रो प्लानिंग टीबी मुक्त राजस्थान की रणनीति में स्वास्थ्य, महिला व बाल विकास, श्रम, शिक्षा, और पुलिस विभाग के सहयोग से गहन योजना और निगरानी सुनिश्चित की गई है। 100% डेटा रिपोर्टिंग और माइक्रो लेवल पर योजना से कार्यान्वयन की गुणवत्ता में सुधार आया है।
टीबी मुक्त पंचायतों में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर
वर्ष 2024 में राज्य की 3,350 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की जा चुकी हैं। राज्य ने न केवल उपचार पर, बल्कि जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता पर भी प्रभावी कार्य किया है।