नारनौल हरियाणा के डिप्टी सीएमएचओ पीसीपीएनडीटी डॉ. विजय यादव ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि अटेली, महेंद्रगढ़, नारनौल के साथ ही राजस्थान- हरियाणा बॉर्डर पर एक लिंग परीक्षण गिरोह सक्रिय है। इस पर एक टीम का गठन किया गया। इस दौरान एक गर्भवती महिला बोगस ग्राहक बनने के लिए राजी हो गई और टीम ने दलालों से लिंग का परीक्षण करवाने को सपर्क किया। टीम ने गिरोह के सरगना बेरवास रेवाड़ी हरियाणा हवासिंह से व्हाट्सएप पर कॉल की तो वह 60 हजार रुपए में भ्रूण लिंग की जांच करवाने के लिए तैयार हो गया और आगे की जानकारी के लिए कायसा नीमराणा निवासी विद्यादेवी के नबर भेज दिए।
विद्या देवी ने महिला को फोन कर कहा कि भ्रूण लिंग की जांच के लिए 80 हजार रुपए लगेंगे। ये महिला दलाल ही भ्रूण लिंग जांच के लिए जाल में फंसाती थी। टीम ने दलालों को 7 अगस्त को 20 हजार रुपए और ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। 8 अगस्त को सुबह दस बजे दलाल विद्या देवी ने फोन कर बताया कि गर्भवती महिला के गर्भ में भ्रूण के लिंग की जांच नारनौल में ही गाड़ी में करवा दी जाएगी और महिला को मंढाणा नारनौल ले आई। जहां से दलाल मनीष कुमार बाइक पर बैठा कर महिला को बहरोड़ के एक निजी अस्पताल लेकर आया। इस मामले में दलाल विद्यादेवी, हनुमान, मनीष व रविन्द्र को पकड़ लिया, जबकि हवा सिंह फरार हो गया।
दोनों दलाल ले गए थे महिला को अस्पताल
चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने बताया कि दलाल रविन्द्र व हनुमान महिला को बहरोड़ के कुंड रोड से एसबीएस अस्पताल में लेकर पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने महिला की सोनोग्राफी जांच करवाई और एक घन्टे बाद महिला को कार में बैठा कर अपने साथ ले गए।