जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र राठौड़, बेनीवाल, सतीश पूनिया, अशोक लाहोटी, हरीश चौधरी, राजपाल सिंह शेखावत, कालीचरण सराफ, रामलाल शर्मा, प्रताप सिंह खाचरियावास, रवींद्र सिंह भाटी सहित कई नाम प्रमुख हैं।
इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने कहा कि सरकार को छात्रसंघ चुनाव बहाल करने चाहिए। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किया गया।
राजेन्द्र राठौड़ ने चुनाव कराने की उठाई मांग
बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव लोकतंत्र की पहली सीढ़ी होती है। मैं स्वयं राजस्थान विश्वविद्यालय का छात्रसंघ अध्यक्ष रहा हूं और मैंने छात्र राजनीति से ही सार्वजनिक जीवन की यात्रा शुरू की थी। यही वह मंच है जहां युवा नेतृत्व पनपता है, विचारों को धार मिलती है और लोकतंत्र को नई पीढ़ी से ऊर्जा मिलती है। राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि विगत कांग्रेस शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगाकर युवाओं की आवाज दबाई थी जबकि वह स्वयं छात्र राजनीति से निकलकर ही आगे बढ़े हैं। अब वही लोग राजनीति कर रहे हैं जिन्होंने युवाओं को नेतृत्व से वंचित किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मेरा आग्रह है कि प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव कराने का सकारात्मक निर्णय लें ताकि राजस्थान की युवा शक्ति को अवसर मिले और लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हों।
अशोक गहलोत ने भी की थी चुनाव की मांग
बुधवार को आरयू केंपस में हुए विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्र नेताओं ने छात्रसंघ चुनावों के लिए अनोखा प्रदर्शन किया। छात्र संघ चुनाव युवाओं के लिए राजनीति की नींव का काम करते हैं, इसमें भाग लेने से न सिर्फ राजनीतिक समझ बढ़ती है बल्कि लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिलती है और इसका व्यक्तित्व निर्माण में भी योगदान होता है। अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में युवाओं की भूमिका और सशक्त हो इसलिए स्व.राजीव गांधी जी ने वोटिंग की उम्र को 18 वर्ष किया था ताकि युवाओं की लोकतंत्र में भागीदारी बढ़े। यह सर्व विदित है कि मैं छात्र संघ की राजनीति में सक्रिय रहा था, देश प्रदेश के अनेक नेता चाहे किसी पॉलिटिकल पार्टी के हों उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र संघ की राजनीति से की थी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग काफी समय से प्रदेश के युवा कर रहे हैं लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार उन्हें निराश कर रही है। मैं समझता हूं कि चुनाव करवाने में सरकार को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हमारे समय में विधानसभा चुनाव का वर्ष होने के कारण चुनाव स्थगित किए थे। मैं पहले भी कई बार मांग कर चुका हूं और अब पुनः दोहराना चाहता हूं कि सरकार को अविलंब छात्रसंघ चुनाव को कराने के बारे में सकारात्मक फैसला लेना चाहिए।