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जैसलमेर

पोकरण में ‘तीसरी आंख’ को मोतियाबिंद

अपराध की रोकथाम व संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पोकरण में पुलिस की ‘तीसरी आंख’ को मानो मोतियाबिंद हो गया है।

जैसलमेरJun 18, 2025 / 08:20 pm

Deepak Vyas

अपराध की रोकथाम व संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पोकरण में पुलिस की ‘तीसरी आंख’ को मानो मोतियाबिंद हो गया है। गत कई वर्षों से पोकरण में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे खराब हालत में है, जिन्हें ठीक करवाने को लेकर पुलिस की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ ही अभय कमांड योजना के अंतर्गत प्रस्तावित कैमरे भी नहीं लगाए जा रहे है। गौरतलब है कि पोकरण सामरिक सुरक्षा से महत्वपूर्ण स्थल है और संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। स्वर्णनगरी जैसलमेर का प्रवेश द्वार होने के कारण यहां से प्रतिदिन सैकड़ों लोग जैसलमेर जाते है। क्षेत्र के रामदेवरा में स्थित बाबा रामदेव की समाधि के दर्शनों के लिए भी वर्षभर श्रद्धालुओं की आवक जारी रहती है। वर्ष में एक बार लगने वाले भादवा मेले में भी 30-40 लाख श्रद्धालु पहुंचते है। जैसलमेर व रामदेवरा आने वाले लोगों का पोकरण में आते व जाते समय दो बार आगमन होता है। जिससे यहां हर समय भीड़ रहती है। ऐसे में संदिग्ध गतिविधि, अपराध की रोकथाम को लेकर पुलिस की ओर से मुख्य मार्गों व चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जो सभी बंद पड़े है।

सभी सीसीटीवी कैमरे खराब

पुलिस की ओर से गत 23 मार्च 2017 को 11 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनमें से छह कैमरे पूर्व में खराब हुए थे, जिन्हें ठीक कर शुरू किया गया था, लेकिन कुछ समय बाद सभी कैमरे पुन: खराब हो गए। गत 5-6 वर्षों से कस्बे में लगाए गए सभी कैमरे बंद है। ऐसे में हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखना मुश्किल हो रहा है। इसके बाद पुलिस की ओर से कैमरों की संख्या बढ़ाई गई थी। कस्बे में करीब दो दर्जन से अधिक कैमरे थे।

विधायक मद से लगे थे कैमरे

तत्कालीन विधायक शैतानसिंह राठौड़ की ओर से 2016 में कस्बे में 11 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पांच लाख रुपए की घोषणा की गई थी। मार्च 2017 में ग्रीन आईपी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जयपुर की ओर से कैमरे भी लगा दिए गए, लेकिन गत दो वर्ष बाद ही सभी कैमरे बंद हो गए। जिन्हें अभी तक शुरू नहीं किया गया है। जिसके कारण संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है।

योजना भी अधरझूल में, केबल लगाकर छोड़ी

पुलिस की अभय कमाण्ड योजना के अंतर्गत जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से कस्बे में मुख्य मार्गों व चौराहों पर 100 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी। उनकी ओर से 8 सितम्बर 2017 को पोकरण थानाधिकारी को एक पत्र जारी कर इस संबंध में कार्रवाई करने के भी निर्देश जारी किए गए थे। जिसके बाद कार्यकारी एजेंसी की ओर से गत वर्ष कस्बे में केबल बिछाने का कार्य किया गया, लेकिन अभी तक कैमरे नहीं लगाए गए है। जिसके कारण यह योजना भी अधरझूल में ही अटकी हुई है।

दुकानों व होटलों के भरोसे निगरानी

कस्बे में पुलिस के सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े है। जिसके कारण कहीं पर भी चोरी या अन्य कोई वारदात होती है तो पुलिस को गली मोहल्लों एवं मुख्य मार्गों पर स्थित दुकानों, होटलों, मकानों, पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरों की सहायता लेनी पड़ रही है। जिससे कई बार पुलिस को खासी मशक्कत भी करनी पड़ती है।

फैक्ट फाइल:-

  • 30 हजार है पोकरण कस्बे की आबादी
  • 2 दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे 7 वर्ष पूर्व
  • 100 कैमरे लगाए जाने है प्रस्तावित
    शीघ्र लगाए जाएंगे कैमरे
    सीसीटीवी कैमरों को लेकर अभय कमांड को पत्र लिखकर शीघ्र ही कैमरे लगवाए जाएंगे। पुराने कैमरों की जानकारी प्राप्त कर उन्हें ठीक करवाने के लिए कवायद की जाएगी।
  • भवानीसिंह, वृताधिकारी पुलिस, पोकरण

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