शहर की विरासत हो रही बदरंग
जैसलमेर को एक जीवित संग्रहालय कहा जाता है। पीत-पाषाण से निर्मित यह शहर अपनी पारंपरिक वास्तुकला और सुनहरी छटा के लिए विश्व प्रसिद्ध है। लेकिन अब ऊंचाई से देखें तो कई मकानों की छतों पर टिन और लोहे के छप्पर नजर आते हैं। इनकी उपस्थिति न केवल शहर की पारंपरिक सुंदरता को बिगाड़ रही है, बल्कि पर्यटन पर भी नकारात्मक असर डाल रही है।स्थानीय लोग बोले – अब डर लगता है
अब हर दूसरे मकान की स्थिति पहले छप्पर कुछ खास घरों पर होते थे, अब हर दूसरा मकान इसी से ढका है।आंधी के दौरान जो हुआ, वह आंखें खोलने के लिए काफी है। पजिम्मेदारों को अब सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।-अर्जुनसिंह, स्थानीय निवासी
अंकुश जरूरी है
जिन घटनाओं में अब तक केवल गनीमत रही है, वही भविष्य में गंभीर हादसों में बदल सकती हैं। जैसलमेर जैसे धरोहर शहर में, जहां हर इमारत ऐतिहासिक पहचान लिए हुए है, वहां अस्थायी और खतरनाक निर्माण पर तत्काल नियंत्रण जरूरी है।- मोहिनी देवी, गृहिणी