चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा विकास
- इससे पहले गत दिसम्बर में सूबे के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तनोट माता मंदिर क्षेत्र के मास्टर प्लान को लेकर अधिकारियों की बैठक की थी। जिसमें शर्मा ने कहा था कि जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि राजस्थान के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है। उन्होंने मंदिर के मास्टर प्लान के तहत चरणबद्ध रूप से काम कर इसे विश्वस्तरीय धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
- मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर के क्षेत्र में अत्याधुनिक विकास कार्य करवाने को कहा ताकि यहां आने वाले पर्यटक देश के प्रति गौरवान्वित हों तथा उनमें देशभक्ति का भाव जागृत हो। उन्होंने मुख्य मंदिर और प्रवेश द्वार के सौंदर्यीकरण को प्राथमिकता देते हुए पूरे परिसर में सभी आवश्यक सुविधाएं विकसित करने को कहा था।
- मंदिर को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाए जाने के साथ स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार और आर्थिक अवसरों का सृजन भी करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होगा। मंदिर क्षेत्र में एडवेंचर स्पोर्ट, डेजर्ट सफारी सहित मंदिर के मास्टरप्लान के तहत बनने वाले सभी अत्याधुनिक सुविधाओं की भी उपलब्धता हेागी।
तनोट क्षेत्र में अकूत संभावनाएं
जैसलमेर के भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनोटराय मंदिर के प्रति देश-प्रदेश के लोगों में श्रद्धा का भाव है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने के अलावा इस मंदिर क्षेत्र में युद्ध के दौरान पाकिस्तान की तरफ से गिराए गए हजारों बमों के नाकाम साबित हो जाने के कारण यह देवी मंदिर चमत्कारिक माना जाता है। मंदिर की प्रसिद्धि मनौतीपूर्ण करने के तौर पर भी है। इन्हीं सब कारणों से जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले देशी सैलानियों का बहुत बड़ा हिस्सा तनोटराय के दर्शन करने पहुंचता है। सीमा सुरक्षा बल के प्रबंधन में संचालित तनोटराय मंदिर क्षेत्र के विकास को लेकर देश व सूबे की सरकारों का रुख देखते हुए स्पष्ट है कि आने वाला समय इस मंदिर सहित समूचे तनोट कॉम्पलेक्स को ऊंचाइयों पर ले जाने वाला होगा। गौरतलब है कि गत राज्य सरकार ने जिले की सम तहसील के तनोट गांव में राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम-1956 की धारा 102 के अंतर्गत 2.19 बीघा भूमि नि:शुल्क आवंटन किया था। दो साल पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तनोट मंदिर परिसर परियोजना की आधारशिला रखी थी। मंदिर क्षेत्र में इंटरप्रिटेशन सेंटर, कैफेटेरिया, प्रतीक्षालय व चित्र दीर्घा का निर्माण करवाया जाना प्रस्तावित है।