समय-समय पर करवाए कार्य, लेकिन नाकाफी
मंदिर में समय-समय पर विकास कार्य अवश्य हुए, लेकिन सरकारी बजट व सहायता नहीं मिलने से ये कार्य नाकाफी साबित हो रहे है। बीकानेर की एक संस्था की ओर से कुछ वर्ष पूर्व मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। ग्राम पंचायत की ओर से तालाब की खुदाई, घाटों की मरम्मत, शौचालय निर्माण करवाए गए। श्रद्धालुओं के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं होने से परेशानी हो रही है। इन व्यवस्थाओं की दरकार
- पंचपीपली ऐतिहासिक स्थल होने से यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु पहुंचते है। मेले के दौरान यहां पदयात्रियों का भी जमावड़ा रहता है।
- श्रद्धालुओं केे लिए छाया, पानी की कोई विशेष व्यवस्थाएं नहीं है। जिससे भीषण गर्मी के मौसम में परेशानी होती है।
- भीड़ ज्यादा होने पर लंबी लाइनें लगती है, लेकिन कतारों के लिए बेरीकेडिंग आदि की कोई व्यवस्था नहीं है।
- फलोदी जिले के उग्रास से रामदेवरा जाने वाले मुख्य मार्ग से मंदिर केवल 30 कदम की दूरी पर स्थित है। इस रास्ते पर रात में रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है।
- पंचपीपली मंदिर के पास स्थित तालाब के घाट क्षतिग्रस्त हो गए है। सरकार यहां विशेष बजट से कोई कार्य करवाती है तो श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
- मंदिर में रात में रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे रात हो जाने और साधन की व्यवस्था नहीं होने पर श्रद्धालुओं को खुले आसमान तले ही रात बितानी पड़ती है।
- बारिश के कुछ माह बाद तालाब सूख जाता है। रामदेवरा की तर्ज पर इस तालाब को भी नहर के पानी से जोड़ा जाता है तो वर्ष भर यहां पानी भरा रहेगा।
- सरकार यदि विशेष बजट देकर यहां अन्य सुविधाओं के विस्तार व विकास कार्य करवाती है तो श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
विकास कार्य करवाने की दरकार
ग्राम पंचायत व ग्रामीणों की ओर से कई बार सरकार को पत्र लिखे गए। साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करवाया गया। यहां विशेष बजट आवंटित कर विकास कार्य करवाने की दरकार है, जिससे जातरुओं को सुविधा मिलेगी। - सुरेन्द्रसिंह भाटी, समाजसेवी ग्राम पंचायत, एकां
नहर से जोड़ें तालाब
पंचपीपली तालाब को नहरी पानी से जोडऩे के लिए कई बार मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई कवायद नहीं हो रही है। नहर से जुडऩे से तालाब में वर्षभर पानी रहेगा। जिससे श्रद्धालुओं के साथ क्षेत्र की मवेशी को भी राहत मिल सकेगी। - गजसिंह, ग्रामीण निवासी, एकां