हकीकत: सही समय का नहीं किया चयन
अप्रेल माह में योजना तैयार कर मई माह में पौधे लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया। मई माह के आखिरी सप्ताह में कस्बे के फलसूंड तिराहे से व्यास सर्किल होते हुए जैसलमेर रोड मदरसे तक और अंबेडकर सर्किल से व्यास सर्किल होते हुए फोर्ट रोड सुभाष चौक तक डिवाइडर्स में 294 पौधे लगाए गए थे। पश्चिमी राजस्थान में अप्रेल से जून माह तक मौसम भीषण गर्मी व तेज आंधी का रहता है। ऐसे में पौधे लगाने के साथ ही तेज अंधड़ व बारिश का दौर शुरू हो गया। इन पौधों के गिरने व नष्ट होने की शुरुआत एक सप्ताह में ही हो गई थी।
सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं
कस्बे में मुख्य मार्गों पर करीब 9 लाख रुपए की धनराशि खर्च कर लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए। खजूर व पॉम-ट्री के करीब 70 पौधों को छोड़ दिया जाए तो इसके अलावा अन्य पौधों के लिए न तो सुरक्षा जाली की गई, न ही ट्री-गार्ड लगाए गए। जिसके कारण तेज आंधी में छोटे पौधे ध्वस्त हो गए अथवा कई पौधे मवेशियों ने खाकर, टक्कर मारकर तोड़ दिए। इसी प्रकार खजूर व पॉम-ट्री के पौधे उस समय आंधी व बारिश के दौरान झड़ गए थे। अब इनमें से कुछ पौधों में पत्तियां वापिस खिलने लगी है।
दमकल से पिलाया पानी, नहीं आया काम
कार्यकारी एजेंसी ने पौधे लगाने के बाद वापिस मुडक़र भी नहीं देखा। पौधों को नष्ट होता देख नगरपालिका प्रशासन की ओर से कई माह तक प्रतिदिन दमकल से पानी पिलाने की व्यवस्था की गई। कुछ पौधों ने तो वापिस जड़ें पकड़ ली, लेकिन अधिकांश पौधे जलकर नष्ट हो गए, जिनके तने की लकड़ी खड़ी देखी जा सकती है। फैक्ट फाइल:-
- 9 लाख रुपए की राशि की गई थी खर्च
- 294 पौधे लगाए गए थे
- 80 प्रतिशत पौधे हुए नष्ट
- 2 पूर्व किया था पौधरोपण
नए सिरे से करेंगे पौधरोपण
पूर्व में लगाए गए कई पौधे नष्ट हो चुके है। आगामी बारिश के मौसम में नए सिरे से पौधरोपण किया जाएगा। मुख्य मार्गों पर डिवाइडरों के बीच अलग-अलग प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे, ताकि यहां से गुजरने वाले पर्यटक आकर्षित हो सके और कस्बे का सौंदर्य भी खिल सके।
- मनीष पुरोहित, अध्यक्ष नगरपालिका, पोकरण