scriptपोकरण : 9 लाख लगाकर रोपे पौधे, आधे से ज्यादा सूख गए | Patrika News
जैसलमेर

पोकरण : 9 लाख लगाकर रोपे पौधे, आधे से ज्यादा सूख गए

पोकरण. परमाणु नगरी के सौंदर्य को निखारने और पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से नगरपालिका की ओर से कस्बे के मुख्य मार्गों पर निर्मित डिवाइडरों के बीच आकर्षक पौधे लगाने की योजना पर पानी फिर गया है।

जैसलमेरMar 08, 2025 / 08:37 pm

Deepak Vyas

jsm
पोकरण. परमाणु नगरी के सौंदर्य को निखारने और पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से नगरपालिका की ओर से कस्बे के मुख्य मार्गों पर निर्मित डिवाइडरों के बीच आकर्षक पौधे लगाने की योजना पर पानी फिर गया है। दो वर्ष बाद इनमें से आधे से अधिक पौधे जलकर नष्ट हो चुके है। हालांकि कुछ जगहों पर पौधे विकसित हो चुके है, लेकिन उनकी भी सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं है। ऐसे में तेज आंधी, बारिश अथवा मवेशी की ओर से इन पौधों को भी नष्ट करने की आशंका बनी हुई है। परमाणु परीक्षण के बाद विश्व विख्यात हुए पोकरण को सरहदी जिले जैसलमेर का प्रवेश द्वार माना जाता है। स्वर्णनगरी घूमने के लिए प्रतिवर्ष जाने वाले हजारों पर्यटक पोकरण होकर गुजरते है। इन पर्यटकों का ठहराव पोकरण में सुनिश्चित करने और उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए गत अप्रैल 2023 में नगरपालिका की ओर से कस्बे के मुख्य मार्गों पर स्थित डिवाइडरों में पौधरोपण की योजना बनाई गई थी। जिसके अंतर्गत निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर मई माह में खजूर, पॉम-ट्री, वाशिंगटोनिया, चम्पा आदि के पौधे लगाने का कार्य शुरू किया गया था।

संबंधित खबरें

हकीकत: सही समय का नहीं किया चयन

अप्रेल माह में योजना तैयार कर मई माह में पौधे लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया। मई माह के आखिरी सप्ताह में कस्बे के फलसूंड तिराहे से व्यास सर्किल होते हुए जैसलमेर रोड मदरसे तक और अंबेडकर सर्किल से व्यास सर्किल होते हुए फोर्ट रोड सुभाष चौक तक डिवाइडर्स में 294 पौधे लगाए गए थे। पश्चिमी राजस्थान में अप्रेल से जून माह तक मौसम भीषण गर्मी व तेज आंधी का रहता है। ऐसे में पौधे लगाने के साथ ही तेज अंधड़ व बारिश का दौर शुरू हो गया। इन पौधों के गिरने व नष्ट होने की शुरुआत एक सप्ताह में ही हो गई थी।

सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं

कस्बे में मुख्य मार्गों पर करीब 9 लाख रुपए की धनराशि खर्च कर लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए। खजूर व पॉम-ट्री के करीब 70 पौधों को छोड़ दिया जाए तो इसके अलावा अन्य पौधों के लिए न तो सुरक्षा जाली की गई, न ही ट्री-गार्ड लगाए गए। जिसके कारण तेज आंधी में छोटे पौधे ध्वस्त हो गए अथवा कई पौधे मवेशियों ने खाकर, टक्कर मारकर तोड़ दिए। इसी प्रकार खजूर व पॉम-ट्री के पौधे उस समय आंधी व बारिश के दौरान झड़ गए थे। अब इनमें से कुछ पौधों में पत्तियां वापिस खिलने लगी है।

दमकल से पिलाया पानी, नहीं आया काम

कार्यकारी एजेंसी ने पौधे लगाने के बाद वापिस मुडक़र भी नहीं देखा। पौधों को नष्ट होता देख नगरपालिका प्रशासन की ओर से कई माह तक प्रतिदिन दमकल से पानी पिलाने की व्यवस्था की गई। कुछ पौधों ने तो वापिस जड़ें पकड़ ली, लेकिन अधिकांश पौधे जलकर नष्ट हो गए, जिनके तने की लकड़ी खड़ी देखी जा सकती है।

फैक्ट फाइल:-

  • 9 लाख रुपए की राशि की गई थी खर्च
  • 294 पौधे लगाए गए थे
  • 80 प्रतिशत पौधे हुए नष्ट
  • 2 पूर्व किया था पौधरोपण

नए सिरे से करेंगे पौधरोपण

पूर्व में लगाए गए कई पौधे नष्ट हो चुके है। आगामी बारिश के मौसम में नए सिरे से पौधरोपण किया जाएगा। मुख्य मार्गों पर डिवाइडरों के बीच अलग-अलग प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे, ताकि यहां से गुजरने वाले पर्यटक आकर्षित हो सके और कस्बे का सौंदर्य भी खिल सके।
  • मनीष पुरोहित, अध्यक्ष नगरपालिका, पोकरण

Hindi News / Jaisalmer / पोकरण : 9 लाख लगाकर रोपे पौधे, आधे से ज्यादा सूख गए

ट्रेंडिंग वीडियो