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जैसलमेर

रामदेवरा: रामसरोवर में फिर जागी आस, दशकों बाद हो रही खुदाई

लोक आस्था से जुड़े ऐतिहासिक रामसरोवर तालाब में दशकों बाद सफाई और खुदाई का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हुआ है।

जैसलमेरJun 01, 2025 / 09:05 pm

Deepak Vyas

लोक आस्था से जुड़े ऐतिहासिक रामसरोवर तालाब में दशकों बाद सफाई और खुदाई का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हुआ है। तालाब की पाल, घाटों और जलभराव क्षेत्र की मरम्मत से इसका पारंपरिक स्वरूप फिर से निखरने लगा है। रामदेव समाधि के दर्शन से पहले श्रद्धालु इसी सरोवर में स्नान करते हैं और जल को पवित्र मानकर साथ ले जाते हैं। लंबे समय से तालाब में गंदगी और दुर्गंध के कारण श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही थी। अब खुदाई और सफाई से श्रद्धालुओं को राहत मिलने लगी है। सरोवर की सफाई के लिए पहले इसमें भरे पानी को बूस्टर पंप की मदद से बाहर निकाला गया। तालाब में जमा कचरा और गाद को हटाया जा रहा है। घाटों की सीढिय़ां और पाल की मरम्मत भी शुरू है।

धार्मिक मान्यता से जुड़ा है सरोवर

सरोवर को बाबा रामदेव के चमत्कारों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से तन-मन शुद्ध होता है और चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। भादवा मेला हो या अन्य पर्व, श्रद्धालुओं की सबसे बड़ी आस्था इसी तालाब से जुड़ी रहती है।

एक दशक बाद कवायद

पोकरण वृताधिकारी भवानीसिंह राठौड़ ने भादवा मेले 2024 के समापन के बाद हर अमावस्या को विशेष सफाई अभियान शुरू करवाया। समाधि समिति को लगातार सुझाव दिए गए। इसी के परिणामस्वरूप रामसरोवर तालाब की सफाई, खुदाई और घाटों की मरम्मत का कार्य एक दशक बाद व्यापक स्तर पर शुरू हुआ है।
नहरी योजना से जुड़ाव बना संजीवनी
2016 में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत रामसरोवर को पोकरण-फलसूंड पेयजल योजना से जोड़ा गया। इससे तालाब पूरे वर्ष भरा रहने लगा। इससे पहले यह केवल बरसाती पानी पर निर्भर था और अच्छी बारिश होने पर ही लबालब भरता था।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं के प्रबंध

तालाब में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन, समाधि समिति, पुलिस, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भादवा मेले सहित अन्य प्रमुख अवसरों पर विशेष प्रबंध किए जाते हैं। तैराकों की नावों से 24 घंटे निगरानी रखी जाती है, जिससे कोई दुर्घटना न हो।

फैक्ट फाइल

30 बीघा क्षेत्रफल है रामसरोवर तालाब का
20 लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं वार्षिक स्नान करने
25 फीट तक गहराई है तालाब की

  • 2016 में नहरी योजना से जुड़ा था सरोवर
    1 दशक बाद सफाई और खुदाई की हो रही कवायद

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