राजस्थान के इस रेलवे फाटक पर नहीं लगेगा जाम, 500 टन स्टील से बन रहा है धनुषाकार ब्रिज, जानें कब होगा तैयार?
Bridge Build With 500 Tons Steel: इस पुल के स्टील के हिस्से जोड़ने का 90 प्रतिशत तक काम पूरा कर लिया गया है। वेल्डिंग का शेष कार्य 2 से 3 हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा।
First Bowstring Bridge Of Jalore: जालोर के निकट अंतिम चरण में चल रहे नेशनल हाइवे-325 के बायपास पर सामतीपुरा रोड रेलवे क्रॉसिंग पर जिले का पहला बोस्ट्रिंग ब्रिज यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगा। रेलवे पटरियों के ऊपरी हिस्से को क्रॉस करने के लिए स्टील से बन रहा यह पुल संरचना में अन्य पुलों की तुलना में अलग है। धनुषाकार में नजर आने वाला यह ब्रिज साधारण पुल की तुलना में काफी ज्यादा मजबूत होता है। इसीलिए नए प्रोजेक्ट में इस संरचना के ब्रिज का निर्माण किया जाता है। हरियाणा की एजेंसी इस पुल का निर्माण कर रही है। इस पुल के स्टील के हिस्से जोड़ने का 90 प्रतिशत तक काम पूरा कर लिया गया है। वेल्डिंग का शेष कार्य 2 से 3 हफ्तों में पूरा कर लिया जाएगा। बता दें जालोर के निकट वर्तमान में करीब 15 किलोमीटर जिले का सबसे बड़ा बायपास यही है। पुल का निर्माण पूरा होने के साथ ही इस बायपास रोड को यातायात के लिए पूरी तरह से खोल दिया जाएगा।
बोस्ट्रिंग ब्रिज वर्तमान में ज्यादा चलन में है। रेलवे और हाइवे निर्माण कार्यों में इस तरह के ब्रिज का निर्माण अब करवाया जा रहा है। बोस्ट्रिंग ब्रिज निर्माण के लिए स्टील के अलग-अलग हिस्से जालोर में वर्किंग एरिया तक पहुंचे। उन्हें जोड़कर और वेल्डिंग कर पुल को यह विशेष आकार दिया जा रहा है।
बोस्ट्रिंग बिज की डिजाइन (फोटो: पत्रिका)
खास संरचना
500 टन स्टील से इस बोस्ट्रिंग ब्रिज (आर्च ब्रिज) का निर्माण हो रहा है। पुल पर धनुषाकार स्ट्रक्चर की कुल लंबाई 42 मीटर है। पुल 17 मीटर चौड़ा बनेगा। स्टील स्ट्रक्चर की ऊंचाई 12 मीटर रहेगी।
इन्होंने कहा
अब रेलवे क्रॉसिंग या अन्य अहम क्षेत्रों में स्टील से बोस्ट्रिंग ब्रिज का निर्माण किया जाता है। यह नई संरचना है और पुल को मजबूती प्रदान करता है। बकाया काम पूरा होने के बाद बाइपास ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा।
अणदाराम चौधरी, एक्सईएन, एनएच (पीडब्ल्यूडी)
अब इस तरह से चलेगा काम
पुल का निर्माण करने वाली एजेंसी के इंजीनियर्स ने बताया कि बोस्टिंग ब्रिज का निर्माण होने के बाद इसे एक खास संरचना से रोलिंग कर पटरियों के ऊपरी हिस्से को क्रॉस करवा दिया जाएगा। इस काम के पूरा होने के साथ ही पुल के दोनों छोर पर रेंप एरिया से स्टील ब्रिज के बीच के हिस्से पर करीब 40-40 मीटर के गार्डर लगाकर दोनों हिस्सों को जोड़कर पुल को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस कार्य और पुल की टेस्टिंग में 45 से 60 दिन का समय लग जाएगा। यह काम पूरा होने के साथ ही नेशनल हाइवे-325 का बायपास यातायात के खोल दिया जाएगा।
Hindi News / Jalore / राजस्थान के इस रेलवे फाटक पर नहीं लगेगा जाम, 500 टन स्टील से बन रहा है धनुषाकार ब्रिज, जानें कब होगा तैयार?