राजस्थान के 7 प्रोजेक्ट के लिए भी कवायद तेज
जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे (402 किमी) के अलावा 7 अन्य प्रोजेक्ट के लिए भी कवायद तेज हो चुकी है। जिसके तहत कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे (181 किमी), जयपुर-भीलवाड़ा (193 किमी), बीकानेर-कोटपूतली (295 किमी), ब्यावर-भरतपुर (342 किमी), अजमेर-बांसवाड़ा (358 किमी), जयपुर-फलौदी (345 किमी), श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस वे (290 किमी) के लिए डीपीआर का काम प्रगति पर है।जालोर के लिए इसलिए अहम प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट को जामनगर-अमृतसर भारतमाला प्रोजेक्ट से जोडऩे की कवायद है। जालोर में एग्रो उत्पाद में जीरा बहुतायात में होता है और जीवाणा में अनार की मंडी है, जहां से सालाना 1 हजार करोड़ का व्यापार होता है। ग्रेनाइट सिटी के रूप में पहचान रखने वाले जालोर के ग्रेनाइट उद्योग को यह प्रोजेक्ट भविष्य में नई ऊंचाइयां प्रदान करने वाला है।सभी प्रोजेक्ट की डीपीआर बन रही
कुल 9 एक्सप्रेस वे की घोषणा की गई थी, जिसमें से एक एनएचएई के कार्यक्षेत्र में है। अब पीडब्ल्यूडी (एनएच) के अंतर्गत 8 एक्सप्रेस है। जिनके लिए डीपीआर का काम प्रगति पर है। इसमें जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस वे भी शामिल है। इसकी कनेक्टिविटी जालोर के निकट अमृतसर-जामनगर इकोनॉमी कोरिडोर से तो दूसरे छोर पर झालावाड़ के निकट दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस तक प्रस्तावित है और शुरुआती सर्वे में 402 किमी इस प्रस्तावित रूट की एस्टीमेटेड कोस्ट 10 हजार 300 करोड़ है। जालोर-झालावाड़ ग्रीन फ़ील्ड एक्सप्रेसवे जालोर से शुरू होकर सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बेगू, बिजौलिया, रावतभाटा, मोडक, और चेचट होते हुए झालावाड़ तक जाएगा।इस तरह से चलेगी प्रक्रिया
-विभागीय जानकारी के अनुसार डीपीआर रिपोर्ट तैयार होने के बाद प्रोजेक्ट की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होगी।-अगली कड़ी में प्रोजेक्ट का अलाइनमेंट और रूट तय करने की कार्रवाई होगी।
-इस प्रक्रिया के बाद प्रोजेक्ट के बीच आने वाले फोरेस्ट एरिया का आंकलन किया जाएगा और विकल्प तलाशा जाएगा।
-प्रोजेक्ट्स के रूट तय होने के साथ संबंधित तय रास्ते के दायरे में आने वाली जमीन की अवाप्ति की प्रक्रिया चलेगी।
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इनका कहना है
जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की डीपीआर के लिए काम शुरू हो चुका है। एजेंसी को 18 माह में प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश करनी है।-उदयसिंह जारवाल, एसई, पीडब्ल्यूडी (एनएच)