20 से 30 प्रतिशत अनार हो रहा खराब
अनार उत्पादन का बड़ा क्षेत्र जालोर जिले के साथ ही पास के बाड़मेर और बालोतरा जिलों में भी होता है। यहां अंतिम माहों में कुल उत्पादन का औसतन 20 से 30 प्रतिशत अनार खराब भी होता है। अक्सर छोटी आकार के अनार कचरे के ढेर में नजर आते हैं। यह किसानों के लिए बड़ा नुकसान है।10 से अधिक बड़े व्यापारी करते कैंप
जालोर जिले में अनार के उत्पादन से देशभर के बड़े व्यापारियों का जुड़ाव हो गया है। यहां क्वालिटी ग्रेड-फर्स्ट में 300 से 400 ग्राम तक के अनार होती है, जो अधिकतर विदेशों में एक्सपोर्ट होती हैं। मुख्य रूप से यहां से अनार सउदी अरब, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मलेशिया, चीन, श्रीलंका, नेपाल समेत अन्य देशों तक जालोर जिले में उत्पादित सिंदूरी अनार की खूब डिमांड है। इससे किसानों को फायदा मिल रहा है।तीन कैटेगरी का व्यापार
कैटेगरी फर्स्ट : 300 से 400 ग्राम के अनार एक्सपोर्ट क्वालिटी के होते हैं। मंडी में व्यापारी इसकी खरीद के लिए 150 से 200 रुपए प्रति किलो तक भाव अदा करते हैं।ऊनड़ी बेहतर विकल्प : इंडस्ट्रीज एरिया की घोषणा हो चुकी
सायला क्षेत्र में औद्योगिक विकास की प्रबल संभावना है। मुख्यमंत्री ने पिछले साल ऊनड़ी में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना के लिए 20.30 हैक्टेयर भूमि आवंटन की स्वीकृति दी है। इस पूरे क्षेत्र में अनार की बंपर पैदावार होती है। अनार से जुड़े उद्योग, प्रोसेसिंग यूनिट्स और ज्यूस प्लांट्स किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। अनार आधारित उद्योग स्थापित होते हैं तो किसानों की अंतिम चरण में बची और कटी फटी अनार पर जूस उद्योग स्थापित हो सकता है।किसान बोले-उद्योग लगे तो राहत मिले
जीवाणा और आस पास के क्षेत्र में अनार की बंपर पैदावार होती है। यह पूरा क्षेत्र अनार का हब है। अक्सर कम क्वालिटी की अनार के लिए किसानों के पास बिकवाली का विकल्प मौजूद नहीं रहता। इससे जुड़े उद्योग लगे तो राहत मिलेगी।अम्बाराम, किसान, सांगाणा
गेबाराम चौधरी, किसान, जालमपुरा