जिला अस्पताल जांजगीर और बीडीएम चांपा के डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और
कर्मचारियों ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल को हटाने की मांग को लेकर माह भर से आंदोलन कर रहे हैं। विवाद थमने के बजाय बड़ा रूप लेने लगा है। इधर डॉक्टर सिविल सर्जन से परेशान होकर इस्तीफा दे रहे हैं। साथ ही चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। 11 अप्रैल को जिला अस्पताल ही नहीं बल्कि जिलेभर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ हड़ताल में शामिल होकर प्रदर्शन करेंगे।
इससे जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सहित अन्य सरकारी अस्पताल के डॉक्टर शामिल होंगे। साथ ही सभी कर्मचारी केरा रोड स्थित कर्मचारी भवन में धरना प्रदर्शन करेंगे। सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद रैली निकालकर एसडीएम को अपनी मांगों का ज्ञापन सौपा जाएगा। डॉक्टरों का कहना है कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन करेंगे। अभी शांति से कर रहे हैं आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
जिला प्रशासन बना है मूकदर्शक
जिला अस्पताल व बीडीएम अस्पताल चांपा के डॉक्टरों व स्टाफ ने सिविल सर्जन पर तानाशाही रवैया अपनाने, मानसिक रूप से प्रताड़ित करने व पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद कलेक्टर द्वारा जांच टीम बनाई गई थी। लेकिन आज माह भर गुजर जाने के बाद जांच रिपोर्ट नहीं आई है। इससे डॉक्टर व स्टाफ चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं।
बार-बार डॉक्टरों के हड़ताल से मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। जिला प्रशासन को आम लोगों की समस्या को देखते हुए सिविल सर्जन या फिर डॉक्टरों पर कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन मूकदर्शक बने रहना समझ से परे है।