यह भी पढ़ें:
CG Crime News: फेसबुक की दोस्ती पड़ी भारी! घर बुलाकर युवक ने नाबालिग से दुष्कर्म, पुलिस ने दबोचा अभियोजन के अनुसार प्रार्थिया ने सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि एक माह पूर्व प्रार्थिया की बेटी जचकी के लिए अपने पति व बच्ची (पीड़िता) के साथ उसके घर आई थी। 19 अक्टूबर 2024 को शाम के समय पीड़िता दिखाई नहीं दी तो प्रार्थिया की छोटी बेटी ने बताई कि दीदी की बेटी पीड़िता प्रायमरी स्कूल के सामने ठेले के पास पड़ी है, तब घर के लोग उसे जाकर देखे और जिला अस्पताल जांजगीर ले गए।
कुछ देर बाद प्रार्थिया भी जिला अस्पताल पहुंची। प्रार्थियां ने अपनी बड़ी बेटी (पीड़िता की मां) से पूछी तो उसने बताई कि कोई अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसकी बेटी पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर उसे निर्वस्त्र छोड़कर भाग गया था, इसके कारण पीड़िता के गुप्तांग से खून बह रहा था। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता का गुप्तांग परीक्षण कराया गया। पीड़िता को उसके सौतेले पिता के साथ अंतिम बार देखा जाना बताया गया।
इसके बाद उसके सौतेले पिता आशिक देवार को हिरासत में लेकर थाना लाया गया। संपूर्ण विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन ने तर्क दिया कि जिस प्रकार से आरोपी सौतेले पिता द्वारा नाबालिग से दुष्कर्म किया गया है। गंभीर प्रकृति का अपराध है। आरोपी को कठोर से कठोर दंड दिया जाए।
जिस पर अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) ने आरोपी आशिक देवार उर्फ लोधो पिता राजकुमार देवार को धारा 65 (2)के तहत आजीवन कारावास, जिससे आरोपी शेष प्राकृत जीवनकाल का कारावास से दंडित किया गया। साथ ही ५०० रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रप्रताप सिंह ने पैरवी की।