हालांकि समय पर अस्पताल पहुंचने और इलाज मिलने से सर्पदंश के मरीजों की जान बच जा रही है। सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्कैन वेनम और जीवन रक्षक दवाईयां रखने के लिए निर्देशित किया जा चुका है। इससे जहरीले जीव-जंतु के काटने के केस पहुंचने पर समय पर इलाज मिल पा रहा है।
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गौरतलब है कि बारिश के सीजन के दौरान जहरील जीव-जंतुओं के काटने के केस सबसे ज्यादा आते हैं। अभी बारिश का सीजन ठीक से शुरू नहीं हुआ है। बीच-बीच में बारिश हो रही है। लेकिन इसी के साथ ही सर्पदंश के मामले आने शुरू हो गए हैं।
जिला अस्पताल के डॉ. लोकेन्द्र कश्यप ने बताया कि हफ्ते दिन के भीतर ही यहां स्कैन बाइट के 20 से ज्यादा केस पहुंच चुके हैं। कुछ केसेस में मरीजों को वेंटिलेटर में भी रखने की जरूरत पड़ रही है। इसलिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्कैन बाइट के मामले में सीधे चिकित्सालय जाए, झाड़-फूंक या घरेलू उपचार पर निर्भर न रहे। जितनी जल्दी
अस्पताल पहुंचेंगे, मरीज के स्वस्थ्य होने की संभावना उतनी अधिक रहती है।
बारिश के दौरान यह सावधानियां बरतें
घने घास, झाड़ियों और अंधेरे स्थानों में जाने से बचें, क्योंकि सांप अक्सर इन जगहाें पर पाए जाते हैं। रात में चलते समय टॉर्च का उपयोग करें। घर के आसपास सफाई रखें व चूहों को आकर्षित करने वाली चीजों को हटाएं, अक्सर सांप चूहों का शिकार करने घरों तक पहुंच जाते हैं। यदि सांप ने काट लिया है तो तुरंत बाइट वाले अंग को धो लें, फिर शांत रहें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
झाड़-फूंक और देसी इलाज पर बिल्कुल निर्भर न रहे और सीधे अस्पताल जाएं।
कोबरा और कॉमन करैत ज्यादा सक्रिय
बारिश का सीजन लगते ही जहरीले सांप ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। इनमें से आमतौर पर ज्यादा बाइट करने वाले सांपों में कोबरा नाग और कॉमन करैत होते हैं। खासकर कॉमन करैत, इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। यह रात में ही बाहर निकलते हैं और हल्की से आहत मिलते ही बाइट कर देते हैं।
साइलेंट किलर इसलिए, क्योंकि इसके सर्पदंत बहुत ही महीन होते हैं और काटने में कई बार लोगों को अहसास नहीं होता, या फिर किसी कीड़े के काटने जितना दर्द होता है। वे लगातार बाइट करता है और चंद सेकेंड में कई लोगों को काट सकता है। देरी होने पर समय पर इलाज नहीं मिलने से जान तक चली जाती है।