गुरूवार को मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि ठगी में शामिल दोनो आरोपी रत्नाकर उपाध्याय और अनिता उपाध्याय, निवासी उत्तम नगर दिल्ली को गिरफ्तार कर जशपुर लाया गया है। दोनों आरोपी देश के विभिन्न राज्यों में कई व्यवसायिक संस्थानों को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं। इन आरोपियों ने पत्थलगांव के एक व्यापारी से राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम से स्वेटर सप्लाई करने के नाम पर 5 करोड़ 70 लाख रुपए की ठगी की थी। पुलिस की पूछताछ में अभी तक 150 करोड़ रुपए की ठगी का पर्दाफाश हुआ है।
ठगों ने खूब हंगामा किया
मिली जानकारी के अनुसार, मामले के मुख्य आरोपी रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में धारा 420 की 12 से अधिक प्रकरण दर्ज हैं। मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, रेंज आईजी दीपक झा ने पुलिस टीम के लिए नगद ईनाम की घोषणा की है। जशपुर पुलिस ने खुद को मंत्रालय का अधिकारी बताया और 1 हजार करोड़ रुपए की ऑर्डर का लालच देकर ठगों तक पहुंची। आरोपियों की धर पकड़ के दौरान एसएसपी जशपुर लगातार मामले की मॉनिटरिंग करते रहे। गिरफ्तारी के दौरान
ठगों ने खूब हंगामा किया।
एसडीओपी पत्थलगांव पर ठगों ने हाथ मुक्कों से हमला किया। लेकिन एसडीओपी ने भी अपनी हिम्मत और बहादुरी का परिचय देते हुए आरोपी की गर्दन नहीं छोड़ी। दिल्ली पुलिस के पहुंचते तक एसडीओपी ने आरोपी को अपने कब्जे में रखा।
26 फ्लैट, 40 करोड़ की है कुल संपत्ति
विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला है कि मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय के पास अवैध आर्थिक गतिविधियों से कमाए रुपयों से लखनऊ में 24 फ्लैट, दिल्ली में 2 फ्लैट, जिनकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपए है। साथ ही ढाई करोड़ रूपए के रेंज रोवर गाड़ी भी है। पुलिस के द्वारा मामले के सभी अभियुक्तों की संपत्तियों के संबंध में भी जानकारी जुटा रही है।