scriptJhalawar top news : 252 साल तक जिंदा रहे 4 फीट के बंगाली बाबा, जटाएं जमीन छूती थी | Jhalawar: 4 feet tall Bengali Baba lived for 252 years, his dreadlocks touched the ground | Patrika News
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Jhalawar top news : 252 साल तक जिंदा रहे 4 फीट के बंगाली बाबा, जटाएं जमीन छूती थी

बंगाली बाबा की लंबाई करीब 4 फीट व उम्र करीब 252 वर्ष के आसपास थी। तथा खड़े होने पर जटाएं जमीन को छूती थी।

झालावाड़Jan 07, 2025 / 10:56 am

jagdish paraliya

खानपुर कस्बे के बुजुर्गो के अनुसार बंगाली बाबा के चमत्कारों के कारण आज लोगो की आस्था बनी हुई है। कस्बे के लोगों द्वारा उन्हें कई पीढि़यों तक मंदिर में सेवा करते देखा गया। उनकी लंबाई करीब 4 फीट व उम्र करीब 252 वर्ष के आसपास थी। तथा खड़े होने पर जटाएं जमीन को छूती थी। भक्तजन उनके पास जाने पर कभी हाथ तो कभी पांव और कभी धड़ अलग पड़ा मिलता था। तभी से कस्बे के लोगों की उनके प्रति आस्था बढ़ती गई।
खानपुर कस्बे के बंगाली बाबा ब्रहमाणी मंदिर आश्रम में 2 करोड़ की लागत से बंगाली बाबा का भव्य दोमंजिला मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य पिछले 10 वर्षो से दानदाताओं व भामाशाहों के सहयोग से किया जा रहा है। अब तक मंदिर के निर्माण पर करीब 85 लाख रूपये खर्च किये जा चुके है। करीब 2 वर्ष में मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है।
मंदिर निर्माण पूरा होने पर इसका डोरा किया जाएगा। ब्रहमाणी माता बंगाली बाबा आश्रम के संचालन मण्डल सदस्य प्रभुलाल रोहिड़ा ने बताया कि वर्ष में 2014 में बंगाली बाबा मंदिर के निर्माण की नींव रखी गई थी। मंदिर निर्माण में दानदाताओं द्वारा बढ चढ़कर सहयोग किया जा रहा है। उनके प्रति आस्था को देखते हुए वर्ष 1978 में बंगाली बाबा की पुण्यतिथि पर पूर्व सरपंच रामस्वरूप त्रिगुणायत द्वारा ग्राम पंचायत के माध्यम से मेले की शुरूआत की थी। तभी से उनकी पुण्यतिथि पर ग्राम पंचायत द्वारा प्रतिवर्ष मेले का आयोजन किया जा रहा है।

अनूठा है बंगाली बाबा का इतिहास

खानपुर कस्बे के बुजुर्गो के अनुसार बंगाली बाबा के चमत्कारों के कारण आज लोगो की आस्था बनी हुई है। कस्बे के लोगों द्वारा उन्हें कई पीढि़यों तक मंदिर में सेवा करते देखा गया। उनकी लंबाई करीब 4 फीट व उम्र करीब 252 वर्ष के आसपास थी। तथा खड़े होने पर जटाएं जमीन को छूती थी। भक्तजन उनके पास जाने पर कभी हाथ तो कभी पांव और कभी धड़ अलग पड़ा मिलता था। तभी से कस्बे के लोगों की उनके प्रति आस्था बढ़ती गई।

हनुमान व शिव वाटिका का होगा निर्माण

यहां ब्रह्माणी मंदिर बंगाली बाबा आश्रम में हनुमान वाटिका व शिववाटिका का निर्माण कार्य भी जारी है। साथ ही परिसर में गायत्री शक्तिपीठ व ब्रह्माणी मंदिर परिसर होने से वर्षभर धार्मिक आयोजन होते है।

गत संचालन मण्डल का गठन

यहां गत माह तहसीलदार इन्द्रजीतसिंह चौहान की अध्यक्षता में ब्रहमाणी माता बंगाली बाबा ट्रस्ट का गठन किया गया। इसमें प्रभुलाल रोहिडा, निर्मल गुप्ता, योगेश त्रिगुणायत, श्याममनोहर व्यास, लक्ष्मीनारायण सोनी, गिरिराज सोनी व मोहनलाल सोनी को संचालन समिति सदस्य बनाया गया।

इन्होंने किया निर्माण में सहयोग

बंगाली बाबा मंदिर निर्माण के लिए कस्बे के दानदाताओं ने सहयोग किया है। इसके लिए प्रेमचन्द सोनी द्वारा 5 लाख, पूर्व सरपंच रामस्वरूप त्रिगुणायत द्वारा 1 लाख 50 हजार, रामावतार शर्मा द्वारा 1 लाख, गजेन्द्रसिंह चन्द्रावत व प्रभुलाल, दुलीचन्द, महेश रोहिडा द्वारा 1-1 लाख, सत्यनारायण माली, लक्ष्मीनारायण सोनी, विष्णु शर्मा, गिरिराज सोनी, दिनेश सोनी, बृजमोहन सोनी, डालूराम यादव द्वारा 50-50 हजार के अलावा दर्जनों की संख्या में दानदाताओ द्वारा 50 लाख से अधिक का सहयोग किया गया है। साथ ही समिति द्वारा 320 वार्षिक सदस्य भी बनाए गए है।

समाधि में लीन हो गए थे

18 वर्ष की आयु से ही मैं बाबा की सेवा में जुट गया था। 14 जनवरी 1971 को गंगासागर जाने की बात कहकर बंगाली बाबा ब्रह्मीन होकर समाधी में धारण कर ली थी। उनके चमत्कारों को देखकर पिछले कई दशकों से उनकी पुण्यतिथि पर मेले का आयोजन हो रहा है।
दुलीचन्द रोहिड़ा, बंगाली बाबा के सेवक

कस्बे में कई पीढि़यों के लोगो ने बंगाली बाबा को मंदिर में सेवा करते देखा है। बंगाली बाबा जेैसे चमत्कारी संत के कारण आज भी कस्बे सहित पूरे उपखंड क्षेत्र के लोगों की आस्था उनसे जुड़ी हुई है।
गोपाललाल माली, खानपुर

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