scriptRajasthan Roadways: राजस्थान रोडवेज की बड़ी कार्रवाई, झुंझुनूं डिपो के मुख्य प्रबंधक सहित 24 कर्मचारी निलंबित | 24 employees including the chief manager of Jhunjhunu Roadways Depot suspended | Patrika News
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Rajasthan Roadways: राजस्थान रोडवेज की बड़ी कार्रवाई, झुंझुनूं डिपो के मुख्य प्रबंधक सहित 24 कर्मचारी निलंबित

Jhunjhunu Roadways Depot: बिना ड्यूटी पर आए फर्जीवाड़ा कर उठा रहे थे वेतन, तीन साल से चल रहा था गोरखधंधा

झुंझुनूJun 05, 2025 / 09:48 pm

Rakesh Mishra

jhunjhunu roadways depot

फाइल फोटो- पत्रिका

राजस्थान रोडवेज के झुंझुनूं डिपो में बड़े वेतन घोटाला उजागर हुआ है। यहां कई कर्मचारी बिना ड्यूटी पर वेतन उठा रहे थे। यह फर्जीवाड़ा करीब तीन साल से चल रहा था। मामले में अब रोडवेज प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 24 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया है।

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इसमें मुख्य आगार प्रबंधक से लेकर बाबू तक शामिल हैं। मुख्य आगार प्रबंधक गणेश शर्मा को निलंबित कर उनके स्थान पर गिरीराज स्वामी को लगाया गया है। झुंझुनूं रोडवेज डिपो में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

इन्हें किया गया है निलंबित

मुख्य प्रबन्धक, प्रबन्धक (यातायात), प्रबन्धक (संचालन), प्रबन्धक (लेखा), प्रबन्धक (प्रशासन), यातायात निरीक्षक-एक, परिचालक-11, चालक- 5, वरिष्ठ सहायक/कनिष्ठ सहायक- 2।

इसलिए की गई कार्रवाई

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की अध्यक्ष शुभ्रा सिंह ने बताया कि झुंझुनूं आगार के 16 कर्मचारियों के लगातार लंबे समय से गैर हाजिर रहने एवं कार्य नहीं करने के बावजूद भी वेतन उठाने की शिकायतों की जांच करवाई गई। प्राथमिक जांच एवं प्राप्त तथ्यों के विश्लेषण के आधार पर पर रोडेवज आगार झुंझुनूं में वर्तमान में विभिन्न पदों पर कार्यरत 24 अधिकारी-कर्मचारियों को दोषी पाए जाने पर उन्हें निलम्बित किया गया है।
साथ ही वर्ष 2020 से वर्तमान तक झुंझुनूं आगार में कार्यरत रहे सभी प्रबंधकों को 16 सीसीए नोटिस व सात सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी करने का भी निर्णय लिया गया। इसकेे अलावा जोनल मैनेजर को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

संगठित गिरोह बना रखा था

जानकारी में आया है कि झुंझुनूं डिपो में अधिकारियों व कर्मचारियों ने संगठित गिरोह बना रखा था। आरोप है कि जो कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आना चाहता था, वह अपने वेतन का कुछ हिस्सा यहां पर कार्यरत उच्च अधिकारियों को देता था। इससे गैर हाजिर होने के बावजूद उनकी रजिस्टर में हाजिरी कर दी जाती थी और उसका वेतन बन जाता है। गैर हाजिर रहने वाले कर्मचारी अपने वेतन का कुछ हिस्सा अधिकारियों को दे देते थे।

89 लाख रुपए का घोटाले का अनुमान

मामले की शिकायत मई 2024 में एसीबी जयपुर में की गई थी। इसके बाद एसीबी ने रोडवेज मुख्यालय को इसकी जांच सौंपी। रोडवेज मुख्यालय की ओर से उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन कर मामले की जांच कराई गई। यह टीम दो बार झुंझुनूं डिपो आई। टीम में शामिल संभागीय प्रबंधक अवधेश शर्मा व सहायक संभागीय प्रबंधक उमेश नागर शामिल थे, जिन्होंने यहां पर दिनभर रेकॉर्ड खंगाले और जांच रिपोर्ट जयपुर मुख्यालय को सौंपी। आरोप हैं कि करीब 89 लाख रुपए के घोटाला किया गया है।
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गणेश शर्मा दूसरी बार नियुक्त हुए थे इस पद पर

झुंझुनूं डिपो में मुख्य प्रबंधक गणेश शर्मा चार साल में दूसरी बार मुख्य आगार प्रबंधक पद पर नियुक्त हुए थे। उन्होंने फरवरी 2024 में दोबारा यहां पर कार्यभार संभाला था। उनके दोबारा कार्यभार संभालने के कुछ समय बाद ही मामले में शिकायत हुई थी। उन पर यह आरोप है कि उनके कार्यकाल में यह फर्जीवाड़ा पनपा और बे-रोकटोक चलता रहा।

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