scriptJodhpur: पिता की सड़क हादसे में मौत, मां ने रचाई दूसरी शादी, अब दादी की मौत के बाद पोती को लेकर NGO पहुंचा दादा, लगाई ये गुहार | 10 Year Girl Real Life Emotional Story: Reached Jodhpur NGO With 80 Year Grandfather And Request For Further Study | Patrika News
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Jodhpur: पिता की सड़क हादसे में मौत, मां ने रचाई दूसरी शादी, अब दादी की मौत के बाद पोती को लेकर NGO पहुंचा दादा, लगाई ये गुहार

Real Life Emotional Story: बालिका के पिता की 2019 में एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद बच्ची की मां ने दूसरी शादी कर ली। बालिका पिछले छह साल से अपने दादा-दादी के पास रह रही थी, लेकिन…

जोधपुरJun 24, 2025 / 10:18 am

Akshita Deora

NGO में आया करुणा से भरा मामला (फोटो: पत्रिका)

अविनाश केवलिया

80 साल का एक बुजुर्ग अपनी 10 साल की पोती को लेकर पहले आश्रम फिर सुधार गृह व अंत में एनजीओ के दफ्तर पहुंचे। एक पैर में फटी जूतियां और एक पैर में फटा चप्पल (यानी दोनों जोड़ी एक समान नहीं) पहनी हुई थी। यहां महिला मनोवैज्ञानिक व टीम ने उनसे मुलाकात की तो वह बोले इसको पढ़ना है, इसका यह सपना पूरा कर दीजिए। मेरे बाद इस बच्ची का कोई नहीं है।
यह बुजुर्ग खींवसर के समीप किसी गांव के रहने वाले है। पिछले साल इनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। इसके बाद से इस बालिका को वह अकेले संभाल रहे हैं।

इनका खेती से कुछ हद तक गुजारा चलता है। बालिका के पिता की 2019 में एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद बच्ची की मां ने दूसरी शादी कर ली। बालिका पिछले छह साल से अपने दादा-दादी के पास रह रही थी, लेकिन अब दादी के जाने के बाद दादा को भी डर सताने लगा है कि उनके जाने के बाद पोती की जिम्मेदारी कौन उठाएगा।

बालिका शिक्षा पर संकट

स्कूल छोड़ना: 67% किशोरियां राजस्थान में माध्यमिक कक्षाएं छोड़ देती हैं, जबकि लड़कों की तुलना में यह दर कहीं अधिक है।

विवाह से पहले छूट जाती पढ़ाई: बाल विवाह की दर इतनी अधिक है कि कई लड़कियों की 15 या 16 वर्ष की उम्र से पहले ही शादी कर दी जाती हैं और शिक्षा वहीं ठहर जाती है।
स्कूल नहीं, जिम्मेदारियां ज्यादा: गरीबी, घरेलू काम और माताओं की अनुपस्थिति, ये सब लड़कियों की पढ़ाई के रास्ते रोकने के बड़े कारण है।
(संस्थान के शोध में यह आंकड़ेे सामने आए)

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अंग्रेजी स्कूल में पढ़ना चाहती है बालिका

एनजीओ के संस्थापक गोविंद सिंह राठौड़, सुपरवाइज़र विमलेश सोलंकी, रिटायर्ड नर्स सरस्वती नायर, मनोवैज्ञानिक डॉ. दीप्ति शर्मा की टीम ने इस बालिका से बात की। बालिका ने बताया कि वह पढ़ाई करना चाहती है, पहले वह अजमेर में पढ़ती थी। अंग्रेजी स्कूल में पढ़-कर बड़ी अफसर बनना चाहती है।

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