आइजी (रेंज) विकास कुमार ने बताया कि भोपालगढ़ थानान्तग्रतसुरपुरा खुर्द गांव निवासी बद्रीराम की पिछले आठ महीने से पुलिस को तलाश थी। वह शराब के साथ-साथ महिला मित्र रखने का शौकीन है। इसी के चलते साइक्लोनर टीम ने तलाश शुरू की। उसके ऊटाम्बर गांव में अपनी महिला मित्र से मिलने आने की सूचना मिली, लेकिन महिला मित्र ने बीमारी के चलते उसे मिलने से मना कर दिया था। तब वह गांव में किसी अन्य महिला मित्र की तलाश में कार लेकर घूमता रहा। कच्चे मार्ग में कार धूल से सन गई। उसे नए कपड़े और चमाचम कार के साथ गर्ल-फ्रेंड से मिलने जाने का शौक था। वह कार की सर्विस करवाने के लिए गांव के पास सर्विस सेंटर पहुंचा, जहां साइक्लोनर टीम के एसआइ कन्हैयालाल, प्रमित चौहान, नेमाराम व देवाराम के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल गजराज, कांस्टेबल झूमर, मुकनसिंह ने दबिश देकर सुरपुरा खुर्द निवासी बद्रीराम पुत्र गंगाराम को पकड़ लिया। पूछताछ के बाद उसे भोपालगढ़ थाना पुलिस को सौंपा गया।
सौ-सौ रुपए प्रतिदिन के किराए पर धाम में रहा
आइजी रेंज विकास कुमार ने बताया कि फरारी के दौरान बद्रीनाथ वर्ष 2023-24 में आठ महीने तक बागेश्वर धाम में रहा। वह सौ-सौ रुपए प्रतिदिन के किराए पर रहकर बागेश्वर धाम से मिलने की पर्ची निकलने का इंतजार करता रहा। जनवरी-फरवरी में वह एक महीने तक महाकुम्भ में भी छिपा रहा था।
भाई की शादी के लिए चोरी करके अपराध शुरू किया
आरोपी के खिलाफ 44 एफआइआर दर्ज हैं। भाइयों की संगत में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। चचेरे भाई की शादी कराने के लिए उसने चार भाइयों के साथ कोऑरेटिव सोसायटी में पहली बार चोरी की थी। फिर वह मंदिरों में चोरियों करने लग गया था। उसने खिंदाकौर, बापिणी व पूनासर गांव के मंदिरों में चोरियां की थी। अधिक रुपए कमाने की लालसा में वह हरियाणा से गुजरात शराब की तस्करी में लिप्त रहा था और पकड़ा भी गया था। भविष्य में अपराध न करने का भरोसा दिलाने पर पिता उसकी जमानत करवा देते थे। पिता के निधन के बाद भाइयों ने मुंह मोड़ लिया था। तब वह ससुराल वालों के साथ खनन करने लग गया था।
ऐसे रखा ऑपरेशन नर-नारायण नाम
नर और नारायण दो पहाडियों के मध्य बद्रीनाथ मंदिर है। नर की विषय वासना और नारायण की साधना शोध के मध्य बद्रीराम का जीवन भटक रहा था। इसी से ऑपरेशन का नाम नर-नारायण रखा गया।