अनुदान से बढ़ रहा है रकबा
थार के कई गांवों में परम्परागत खेती से बागवानी की तरफ रुख करने वाले किसानों के लिए अनार की खेती वरदान साबित हुई। इसके अलावा कृषि एवं उद्यान विभाग की ओर से किसान को बूंद-बूंद सिंचाई के संयंत्र, जलहोज, उर्वरक,पौधे, स्प्रे-ड्रोन, वर्मी कंपोस्ट सहित बगीचे के रख रखाव के लिए नियमानुसार अनुदान दिया जाता है। आरक्षित वर्ग के किसानों को अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाता है। एक बार अनार के पौधे के रोपण के 2 वर्ष बाद उत्पादन चालू हो जाता है। एक पौधा प्रतिवर्ष 20 से 25 किलो अनार का उत्पादन देता है जिससे किसानों अच्छी आय प्राप्त होती है जो सामान्य खेती से कहीं गुना अधिक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक
सर्दी में मिलने वाले सीजन के फलों को खाकर दिल संबंधी कई बीमारियों से बचाने में सहायक होते है। इन फलों में कैलोरी के साथ ही विटामिन सी और फाइबर की मात्रा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। सीजन के मुय फलों को दिनचर्या में शामिल कर शरीर में प्रोटीन व फाइबर सहित अन्य पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है।
कस्बे में फ्रूट की बहार, भाव में गिरावट
कस्बे में इन दिनों बाजार में सब्जी, फ्रूट विक्रेताओं की दुकानों तथा ठेलों पर अनार, अमरूद (जामफल) व संतरा जैसे फलों की आवक अधिक मात्रा में होने से आसानी से उपलब्ध हो रहे है। पिछले दिनों से इन फलों की आवक व मांग लगातार बढ़ रही है। इन्हें इम्यूनिटी बूस्टर फ्रूट भी कहा जा रहा है। फ्रूट विक्रेताओं ने बताया कि सर्दी बढऩे के साथ ही इनकी बिक्री में भी इजाफा हुआ है। इधर, पिछले 20-25 दिनों की तुलना में देखा जाएं, तो फलों के दामों में भी काफी कमी आई है। सब्जी, फ्रूट की दुकानों व ठेलों पर लोग फलों की जमकर खरीदारी कर रहे है।