थानाधिकारी दिनेश लखावत ने बताया कि गत वर्ष जेल में 16 मोबाइल व 9 सिम जब्त की गई थी। इनमें से दो सिम नागौरी गेट क्षेत्र निवासी हुसैन के नाम थी। पुलिस ने हुसैन को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि उसने आकिब के कहने पर 10 सिम खरीदी थी। इनमें से दो सिम आकिब को दी थी। बदले में उसे 500-500 रुपए दिए गए थे।
5वीं रोड निवासी आकिब को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। उसने हुसैन के नाम वाली दो सिम जेल में प्रहरी राजेश बिश्नोई को सौंपी थी। जो वह जेल के भीतर ले गया था। इस पर पुलिस ने भवाद गांव निवासी जेल प्रहरी राजेश बिश्नोई को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ की जा रही है। हुसैन को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रहरी व आकिब से पूछताद की जा रही है। जेल में मोबाइल-सिम पहुंचाने के मामले में कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
जेल से छूटकर आया तो सिम भेजनी शुरू की
पुलिस का कहना है कि जानलेवा हमले के मामले में आकिब को जेल भेजा गया था, जहां उसका सम्पर्क बंदियों से हुआ था। उन्होंने जमानत पर छूटने पर मोबाइल व सिम मुहैया करवाने को राजी किया था। उसने डेढ़-दो साल में 40-50 सिम व मोबाइल खरीदकर अलग-अलग तरीकों से जेल के अंदर भेजना कबूल किया है। बदले में उसे एक-एक हजार रुपए मिलते थे।