आरोपियों को एक व्यक्ति ने ढाई लाख रुपए के बदले 10 लाख के जाली नोट बनाने का ऑर्डर दिया था। इसमें 7.41 लाख नोट आरोपियों ने छाप दिए थे। जाली नोट के संबंध में पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के नोडल पुलिस स्टेशन सरदारपुरा में एफआइआर दर्ज कराई गई है।
दोनों आरोपी रिमांड पर
पुलिस ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तार मूलत: नागौर जिले में पांचौड़ी हाल मघजी की घाटी निवासी श्रवण व्यास और भावण्डा थानान्तर्गत गोवा कला निवासी बाबूलाल पुत्र हनुमानराम प्रजापत को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक-एक दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। एसआइ विश्राम मीणा आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं।
एमपी से मंगवाया था खास पेपर
आरोपियों ने यू-ट्यूब और गूगल से जाली नोट बनाने के तरीके सीखे थे। इसके बाद मध्य प्रदेश से खास तरह का पेपर मंगवाया था। आरोपी नोट छापकर बंडल बना कर छोटी-छोटी क्वांटिटी में खपा देते थे। पुलिस ने मौके से नकली नाेट छापने वाले पेपर, खास तरह की इंक और अन्य सामान भी बरामद किया गया है।
चार सीरियल नंबर में छापे थे 1483 जाली नोट
कई दिनों की रैकी के बाद डीएसटी प्रभारी एएसआइ श्यामसिंह के नेतृत्व में कांस्टेबल थानाराम, किशनसिंह, प्रकाश व गोपीराम ने मंगलवार रात मण्डी परिसर की दुकान के ऊपर कमरे में दबिश दी थी, जहां से पांच-पांच सौ के 1483 यानि 7,41,500 के जाली नोट जब्त किए गए थे। सभी नोट चार सीरियल नंबर में छापे गए थे। मौके से कंप्यूटर, कलर स्कैनर, स्याही के पांच ड्रम, कागज की रिम, कटर, स्कैल आदि जब्त किए गए थे। दो साल पहले भी छापे थे नकली नोट
आरोपियों ने दो साल पहले भी जाली नोट छापे थे। वे बाजार में चलाने गए थे तो लोगों को संदेह हो गया था। दोनों को पकड़कर लोगों ने पिटाई भी की थी। गलती से नकली नोट देने का बहाना बनाकर आरोपी छूटे थे। इसके बाद आरोपियों ने गूगल व यू-ट्यूब से जाली नोट बनाने के तरीके सीखे थे। आरोपी पिछले साल उदयपुर में नकली घी के मामले में भी पकड़े गए थे।