Mandi News: जीरे के भावों में 6000 रुपए की तेजी, मंडी में हो रही बंपर आवक, एक सप्ताह में हुआ इतने करोड़ों का कारोबार
Cumin Bumper Arrival: कृषि मंडी में वित्तीय वर्ष 2024 -25 के अप्रेल के पहले सप्ताह के दौरान 10- 30 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, जिसमें सर्वाधिक कारोबार मसाला फसल जीरा और सौंफ में हुआ।
Jeera Mandi Bhav: जीरे भावों में उछाल से किसानों के चेहरे पर रौनक छा गई है। आसपास के गांवों से किसान वाहनों में सोमवार को अपनी उपज को ट्रैक्टरों में लेकर बेचने के लिए कृषि उपज मंडी पहुंचने शुरू हो गये है। कृषि मंडी में किसानों की आवक लगातार बढ़ने से पैर रखने की तक जगह नहीं मिली। टीन शेड भी बोरियों से भरे पड़े नजर आए। किसानों को बैठने की जगह नहीं होने से पेड़ की छाया तलाशते नजर आए। गर्मी से परेशान किसानों ने मंडी में जहां भी जगह मिली वहां पर फसल का ढेर लगाना शुरू कर दिया। मंडी में अव्यवस्था के कारण वाहनों का निकलना भी मुश्किल हो गया है।
दाल में तड़का लगाना हो या मसाले का स्वाद बढ़ाना हो, जीरा हर जगह हीरा साबित होता है। लेकिन किसानों के लिए अधिकांश बार जीरे की फसल हमेशा से ही मुश्किलों से भरी रही है। फिलहाल तो इस साल जीरे की खेती करने वाले किसानों के लिए पिछले कुछ दिनों से जीरा हीरा साबित हो रहा है। सिर्फ एक साल में जीरा का भाव 25000 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 31000 रुपए पर पहुंच गए है। इसमें सबसे अधिक उछाल के विगत आठ दिन में आया है। बाजार के जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी भारी मांग के चलते जीरे की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
चार अप्रेल को मंडी में 27000 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला जीरा 7 अप्रेल को 31000 रुपए पर पहुंच गया। बाजार के जानकार भी जीरे की कीमतों में उछाल से चकित हैं। उनका कहना है कि इससे पहले जीरे का रेट इतना अधिक कभी नहीं हुआ है। मंडी व्यापारियों के मुताबिक उच्च क्वालिटी का जीरा 32000 रुपए क्विंटल बिक रहा है तो न्यूनतम क्वालिटी के जीरे की कीमत 25000 रुपए क्विंटल है। जीरा पिछले साल 18000 से 20000 रुपये प्रति क्विंटल था। सिर्फ एक बार 31000 तक भी पहुंचा।
एक सप्ताह में करोड़ों का कारोबार
कृषि मंडी में वित्तीय वर्ष 2024 -25 के अप्रेल के पहले सप्ताह के दौरान 10- 30 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, जिसमें सर्वाधिक कारोबार मसाला फसल जीरा और सौंफ में हुआ। इन दोनों जिंसों से मंडी में 10- 30 करोड़ रुपए की खरीद- फरोख्त हुई है। इसी तरह इस ईसबगोल ,कपास, ग्वार से 2 करोड़ का कारोबार हुआ, साथ ही रायड़ा व तारामीरा से 3 करोड़ रुपए का बिजनेस हुआ।
दो दिन में जीरे ने लगाई 5000 रुपए की छलांग
4 अप्रेल 2025 को जीरा 25,000 रुपये प्रति क्विंटल था। सात अप्रेल को 6000 महंगा होकर 31,000 रुपए पर पहुंच गया। मंडी में 6 अप्रेल को जीरा 30,000 और सात अप्रेल को 31,000 रुपए पर पहुंचा। मंडी व्यापारी महेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विदेशों में मौसम की मार ने जीरे को बहुत नुकसान पहुंचाया है। टर्की-सीरिया में बेमौसम बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर जीरा की फसल खराब हो गई। देश के विभिन्न हिस्सों में भी हुई बेमौसम बारिश से भी 20 से 30 फीसदी जीरे की फसल को नुकसान हुआ है। फसल कमजोर होने से सप्लाई घटी तो वैश्विक और घरेलू बाजार में जीरे की डिमांड बढ़ गई है।
डिमांड बढ़ी तो दाम भी बढ़े। जीरे की डिमांड बढ़ने से एनसीडीएक्स में भी लगातार जीरे में तेजी चल रही है। मंडी व्यापार एवं उद्योग संघ के अध्यक्ष महावीर चंद्र भंडारी ने बताया कि ऐसे में बड़ी काश्तकारों ने भावों के इंतजार में अपनी जींसे घरों में स्टाक कर लिया है। जीरे में 6000 हजार की तेजी आने से किसान बड़ी संख्या में जीरा व अन्य फसल मंडी में बेचने के लिए ला रहे है।
भाव मिलने पर किसान खुश
पिछले वर्ष किसानों को अपनी अपनी फसल के अच्छे भाव मिलने से प्रसन्नचित थे। इसी आशा के साथ किसानों ने इस बार जीरा व सौंफ की बंपर बुवाई की और इस बार किसानों के सौंफ व जीरा की फसल की पैदावार की। मंडी के चेतन पटेल ने बताया कि इस बार फसलों में तेजी आएगी और इस बार रिकॉर्ड मंडी में माल आ रहा है। विदेश में मांग होने से इस बार किसानों को भाव मिल रहे हैं।
व्यापारी का कहना
इस बार जीरा, मूंग व सौंफ की फसल की पैदावार बंपर है और इस सप्ताह जीरे के भावों में आई तेजी जारी रहने की संभावना है। बाबुलाल तिलायचा, व्यापारी कृषि उपज मंडी, बिलाड़ा
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