H5N1 Virus: राजस्थान के फलोदी जिले के खीचन में डेमोसाइल क्रेन में एच5एन1 वायरस संक्रमण की पुष्टी के बाद फलोदी के खीचन पहुंची आईसीएमआर की नेशनल वायरलोजी इंस्टीट्यूट (एनआईवी) पुणे की टीम ने खीचन के प्रवास क्षेत्र तालाब, नाडी व चुग्गाघर के पास स्थित मैदानी क्षेत्र से पत्थर, कंकर, रेत, बीट व पानी के सैंपल संग्रहित किए। टीम पक्षी चुग्गाघर पहुंच गई थी, लेकिन कुरजां की मौजूदगी होने से चुग्गाघर में नहीं जाकर पास ही स्थित मैदान से सैंपल संग्रहित किए।
टीम के साथ आए चार वैज्ञानिकों ने वन विभाग व वन्यजीव प्रेमियों को बर्ड फ्लू जैसी स्थिति से निपटने के लिए किए जाने वाले उपायों की जानकारी दी। उन्होंने सुरक्षा में लगी टीम को पक्षी प्रवास क्षेत्र में बर्ड फ्लू से आहत पक्षी को अन्य पक्षियों के समूह से अलग करने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन के सुगम व सरल उपाय सुझाए और प्रशिक्षण भी दिया।
टीम ने बर्ड फ्लू के दौरान रेस्क्यू व अन्य बचाव की गतिविधियां करने के लिए पीपीई किट आवश्यक तौर पर पहनने, मॉस्क लगाने की भी हिदायत दी। पूणे से आई टीम दोपहर को वनविभाग की टीम को प्रशिक्षण देने और सैपल एकत्र करने के बाद वापिस लौट गई।
यह वीडियो भी देखें गौरतलब है कि गत दिसबर में एच5एन1 इन्लुएन्जा संक्रमण से कुरजां की मौत के बाद से फलोदी के प्रवासी पक्षी कुरजां के प्रवास स्थलों पर हाई अलर्ट है और गत बीस दिनों से अधिक समय से कुरजां के पड़ाव स्थलों पर मानवीय आवाजाही को पूरी तरह से बंद किया गया है। यहां इन्लुएन्जा संक्रमण की जांच के लिए पहले भोपाल से और अब पुणे से टीम आई है।