कांग्रेस सरकार ने किए थे अलग निगम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 18 अक्टूबर, 2019 में जोधपुर सहित तीन शहरों में दो नगर निगम कर दिए थे। इसके बाद हुए चुनावों में जोधपुर में नगर निगम दक्षिण में भाजपा और उत्तर निगम में कांग्रेस का बोर्ड बना। इससे पहले एकीकृत निगम में भाजपा का बोर्ड था।
-01 ही कार्यकाल तक कार्यरत रहा दो निगम का प्रावधान। -65 वार्ड थे 2019 से पहले के एकीकृत निगम में। -160 वार्ड हुए थे दो निगम में। -100 वार्ड होंगे फिर से संगठित निगम में।
अब बड़ा होगा बजट
-निगम दक्षिण ने वर्ष 2025-26 के लिए 843.7 करोड़ का बजट जारी किया था। -निगम उत्तर का इस वर्ष का बजट 738.43 करोड़ का है। -अब दोनों निगम का एकीकृत बजट 1582 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है।
एक ही संसाधन से चल रहे थे दो निगम
-दोनों निगम का कार्यालय एक ही भवन से संचालित हो रहा था। -कचरा निस्तारण या डिपंग यार्ड भी एक ही था। -डॉग होम या आवारा मवेशियों का स्थल भी एक ही था। जिस उद्देश्य के साथ यह दो निगम किए थे, वह विकास था। ज्यादा जनप्रतिनिधि होंगे तो काम अच्छे होंगे, यही ध्येय था। लेकिन अब फिर से परेशानी आएगी। बड़ा एरिया होगा तो पार्षद भी ध्यान नहीं दे पाएंगे।-
कुंती परिहार, महापौर, नगर निगम उत्तर
काम अच्छे होंगे जब दो निगम किए तो वह निर्णय ही गलत था। एक निगम होने से काम अच्छे से होंगे। काम करने की बजाय आरोप-प्रत्यारोप लगते हैं। ऐसे में यह सरकार का सही निर्णय है।- रामेश्वर दाधीच, पूर्व महापौर
निगम के पास संसाधनों की कमी है। सफाई कर्मचारी पूर नहीं, बजट नहीं है। अब प्रभावी तरह से काम होंगे और जिमेदारी से काम होंगे। सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है।- घनश्याम ओझा, पूर्व महापौर