100 करोड़ का राइजिंग राजस्थान में एमओयू
इसी फार्मा जगत का 100 करोड़ का एमओयू राइजिंग राजस्थान में किया गया, जिससे कि इसका विस्तार हो सके। इसके लिए जमीन आवंटन और अन्य प्रक्रिया अभी धीमी है, लेकिन इसे जल्द धरातल पर उतारने की कवायद की जा रही है।35 देशों तक पहुंची
एक्सट्रेक्ट की डिमांड विदेशों में ज्यादा है। अमरीका, जर्मनी, फ्रांस, जैसे देशों में एक साल में 300 करोड़ का एक्सपोर्ट होता है।
अब कोरिया टेक्नोलॉजी आएगी साथ
जोधपुर के इन जैव चिकित्सा उत्पादों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए कोरिया की टेक्नोलॉजी साथ आ रही है। जल्द ही यहां की कंपनियों के साथ हाथ मिलाया जाएगा। तब भारत का आयुर्वेद ज्ञान व कोरिया की तकनीक का कॉलेब्रेशन देखने को मिलेगा।
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मोरिंगा, बोस्वेलिया, लहसुन, तुलसी, नीम, अनार, शतावरी जैसे हर्ब्स को सीधे एक्सट्रेर्क्ट पहले भी होता है। लेकिन इसमें नवाचार कर एक्सट्रैक्ट किया जा रहा है। जिससे कि इसके मेडिसिनल फायदों को सीधे लोगों तक पहुंचाया जा सके।::: एक्सपर्ट व्यू :::
आयुर्वेद, हर्ब्स और इनका एक्सट्रेक्शन विदेश में काफी पसंद किया जाता है। जोधपुर व राजस्थान में ग्रोथ का बहुत स्कोप है। राइजिंग राजस्थान के एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए सरकार को जल्द जमीन उपलब्ध करवा कर साकार करना चाहिए। इससे रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
- राकेश दवे, एन्टरप्रेन्योर