गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत पर जमकर साधा निशाना, कहा- ‘पाप करने वाले अब साधु बन रहे’
जोधपुर पहुंचे मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। छात्रसंघ चुनाव, पंचायत चुनाव और बिहार में वोटर लिस्ट रिव्यू समेत कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘जिनके घर शीशे के होते हैं, उनको दूसरों पर पत्थर नहीं उछालना चाहिए।’
जोधपुर । केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने छात्रसंघ चुनाव को लेकर कांग्रेस पर जबरदस्त पलटवार किया है। शेखावत ने पूछा कि वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले अपनी तय हार को टालने के लिए, कहीं गलत नैरेटिव न बन जाए, छात्रसंघ चुनाव को रोकने का पाप किसने किया था? वह पाप करने वाले लोग अब यहां पर साधु बन रहे हैं। शेखावत ने कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, उनको दूसरों पर पत्थर नहीं उछालना चाहिए।
रविवार को जोधपुर में मीडिया से चर्चा में शेखावत ने खुलकर प्रश्नों के उत्तर दिए। छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर कांग्रेस की मांग से जुड़े प्रश्न पर शेखावत ने कहा कि मैंने फलोदी में एक दिन पहले भी यह बात कही थी कि कुछ लोगों को कानून, संविधान सब, जब वो सत्ता से बाहर होते हैं तब याद आते हैं। अपनी अनुकूलता के आधार पर नियमों को तय और व्याख्या करते हैं। उनकी प्रासंगिकता के ऊपर चर्चा करते हैं।
शेखावत ने गहलोत के ट्वीट पर किया पलटवार
शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत साहब का मैं एक ट्वीट देख रहा था, उसमें उन्होंने लिखा था कि पंचायती राज व नगर निकाय चुनाव हर पांच साल में होने चाहिए, संविधान प्रदत्त यह व्यवस्था है। ऐसा न करके भाजपा सरकार संविधान की व्यवस्थाओं के अनुरूप काम नहीं कर रही है। इसके समर्थन में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णयों को भी अंकित किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरा प्रश्न उनसे यह है कि यही कांग्रेस थी, जिसने 13 साल तक पंचायती राज का चुनाव नहीं होने दिया। तब आपको वह नियम कानून याद नहीं आए। आपकी सरकार के समय में जोधपुर नगर निगम के चुनाव, जो 2019 में होने थे, वो 2021 में हुए। तब वह नियम और कानून आपको नहीं दिखाई दिए थे।
बिहार चुनाव पर क्या बोले शेखावत?
अशोक गहलोत के बिहार चुनाव को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, तब भी मैंने कहा था और उससे पहले भी कहा था कि संविधान प्रदत्त व्यवस्था के अनुरूप चुनाव करवाना, निष्पक्ष करवाना, निर्विवाद रूप से करवाना, यह चुनाव आयोग का अधिकार और दायित्व है।
वोटर लिस्ट रिव्यू से पेट में दर्द- शेखावत
चुनाव आयोग यदि चुनाव की निष्पक्षता के सापेक्ष रिव्यू करता है तो वह उनके अधिकार क्षेत्र का विषय है। उसमें किसी को भी संशय करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसको राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश की गई। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने इसी लाइन पर फैसला दिया। मेरा प्रश्न इसमें दूसरा है, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बाद में भी, यदि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की समीक्षा करता है, तब किन लोगों के पेट में दर्द हो रहा और क्यों हो रहा है? इसकी जानकारी निश्चित रूप से करनी चाहिए।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में शेखावत ने स्पष्ट कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को विषय को पूरी गंभीरता से अध्ययन करके, सरकार के कामकाज को पूरा समझकर, पूरी ताकत के साथ विपक्ष को इस तरह की भ्रांति फैलाने की चेष्टा से रोकना चाहिए। उन्हें विषय पर पूरी स्पष्टता के साथ चाहे चौराहे पर हों या मोबाइल में हों, सब जगह तक लेकर जाना चाहिए।
थर्ड फेस ऑफ कैनाल का काम दिसंबर तक पूरा होगा
शहर में जलापूर्ति को लेकर ली गई बैठक के विषय में शेखावत ने कहा कि इस विषय में विस्तार से बातचीत की है। जो सबसे बड़ी चिंता का विषय है, वह थर्ड फेस ऑफ कैनाल का समय से पीछे चलते जाना है। अब समीक्षा में सामने आया है कि वह दिसंबर तक पूरा होगा। निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है, क्योंकि जोधपुर की समस्याओं का समाधान का अधिकांश हिस्सा उसके साथ जुड़ा हुआ है।
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