ज्ञापन में पीडि़त पक्ष का आरोप है कि 14 साल की पीडि़ता से छेड़छाड़ और सामूहिक बलात्कार करने पर 6 अगस्त को नौ युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। सौतेली मां पर भी आरोपियों का सहयोग करने का आरोप है। प्राथमिकी और कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में भी पीडि़ता ने सभी पर आरोप दोहराए थे। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जबकि सौतेली मां व छह आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री को परिवाद भी सौंपे गए थे। आरोपियों ने मिलीभगत कर जांच थानाधिकारी से बदलवाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को दिलवा दी थी, लेकिन अभी तक आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं। पुलिस इन्हें सरकारी गवाह बनाने का प्रयास कर रही है।
पुलिस ने आरोपियों का नाम न लेने का दबाव डाला
परिवाद में आरोप लगाया गया कि पुलिस ने पीडि़ता को दस्तयाब कर बालिका गृह भिजवा दिया था। जांच अधिकारी ने पीडि़ता पर दबाव डाला था कि वो आरोपियों का नाम नहीं लेवें। इनकी गिरफ्तारी न होने की वजह से हौंसले बढ़े हुए हैं और वे डरा धमका रहे हैं। कैम्पर से मारने का प्रयास भी कर चुके हैं।
आरोपियों में शिक्षक भी शामिल
सामूहिक बलात्कार के आरोपियों में पीडि़ता की स्कूल का शिक्षक भी शामिल है। जो उससे छेड़छाड़ और जबरदस्ती करता था।आरोप है कि वह उसे ऑफिस में बुलाकर जबरदस्ती करता था।
पीडि़ता का आरोप, पुलिस बाहर निकालती
किशोरी का आरोप है कि कार्रवाई की मांग को लेकर वह एसडीएम और पुलिस अधिकारियों के कार्यालय गई थी, लेकिन पुलिस मिलने नहीं देती थी। उल्टा बाहर निकाल देती थी।
जटिल मामला है, एएसपी को जांच दी है
पिता ने पुत्री से गैंग रेप का मामला दर्ज कराया था। काफी जटिल मामला है। इसलिए जांच एएसपी फलोदी को सौंपी गई है। जांच चल रही है और निष्पक्ष जांच की जाएगी। सौतेली मां ने भी पति से असुरक्षा महसूस होने की शिकायत की है। विकास कुमार, पुलिस महानिरीक्षक रेंज, जोधपुर