सूत्रों के अनुसार 21 जून 2022 को चौहाबो थाने में दर्ज एफआइआर को ही सीबीआइ ने दर्ज की है। एनसीबी जोधपुर के निरीक्षक आसूचना अधिकारी खींयाराम जाट, एसआइ भगवान सहाय मीणा और सिपाही भागीरथ जाट के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में फंसाने की धमकियां देकर बंधक बनाने, तीस लाख रुपए मांगने व पांच लाख रुपए वसूलने का मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी जांच में संदिग्ध लगने पर एफआइआर
एनसीबी के कार्मिकों ने एफआइआर निरस्त करने को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन किया था। न्यायाधीश अरूण मोंगा की एकल पीठ में पक्षा रखा गया था। पीठ ने पाया कानून प्रवर्तन की दो एजेंसियां उलझी हुई हैं। ऐसी स्थिति में जांच तटस्थ एजेंसी को सौंपना उचित होगा।सीबीआइ जोधपुर को प्रारंभिक जांच दर्ज करने को कहा था। आवश्यक होने पर एफआइआर दर्ज कर सक्षम कोर्ट के समक्ष चार्जशीट दायर की जाएगी। कोर्ट ने सीबीआई जोधपुर के पुलिस अधीक्षक को जांच करने के आदेश दिए थे।
आरोप : रात 2.30 बजे तक बंधक बनाकर घूमाते रहे
मण्डोर में पोस्ट ऑफिस के पीछे निवासी कुलदीप पंवार ने 21 जून 2022 को एनसीबी के सीआइ खींयाराम जाट, एसआइ भगवान सहाय मीणा व सिपाही भागीरथ जाट के खिलाफ बंधक बनाकर अवैध वसूली का मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि उसका बुआ का बेटा भाई सुमेर टाक मार्बल खरीदने के बाद 20 जून 2022 को कार में राजसमंद से लौट रहा था। पाली में टोल नाका पर एनसीबी कार्मिकों ने कार में अफीम होने के संदेह में उसे पकड़ा था, लेकिन कोई संदिग्ध सामग्री नहीं मिली थी। फिर उससे 30 लाख रुपए मांगे गए थे। अन्यथा एनडीएस एक्ट मामले में फंसाने की धमकियां दी गईं थी। उसे कार में जोधपुर लाया गया था। अशोक उद्यान के पास रात 2.45 बजे पुलिस ने व्यवसायी को छुड़ाकर एनसीबी के दो कार्मिकों को मौके से पकड़ा था। एक कार्मिक बाद में थाने में पेश हुआ था। आरोप था कि एनसीबी कार्मिकों ने व्यवसायी के भाई को व्हाट्सएप कॉल कर पांच लाख रुपए वसूले थे।