CG News: तीन कक्ष का पोटाकेबिन स्कूल
ग्राम पंचायत करमरी के आश्रित ग्राम कोगेरा में तीन कक्ष का
पोटाकेबिन स्कूल है जिसमें बांस से बने दिवारों पर दिमक लग चुकी है। स्टोर रुम टूट चुका है। सन 2013-14 में उन्नयन होकर प्राममिक शाला के साथ माध्यमिक शाला भी बना गया था। तीन रुम के स्कूल में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के लगभग सौ बच्चे एक साथ पढ़ने को मजबूर हैं जबकि इन्हीं तीन रूम में शिक्षक भी बैठते हैं। बच्चों को मध्यान्ह भोजन का स्टाक भी रखा जाता है।
खण्ड शिक्षा अधिकारी बी आर ठाकुर ने बताया कि कोगेरा स्कूल के लिए एक अतिरिक्त कक्ष की स्वीकृति हो चुकी है। टेंडर भी लग चुका है, स्कूल भवन के लिए प्रस्ताव बना कर जिला निर्माण समिति को भेजा गया है। सन 2014 में स्कूल भवन की स्वीकृति के सम्बन्ध में मुझे जानकारी नहीं है। मेरी पदस्थापना उसके बाद हुई है। बीआरसी से जानकारी प्राप्त हो सकती है। सन 2013-14 में स्वीकृति मिलने के बाद भी अब तक स्कूल कैसे नहीं बन पाया इसके लिए सम्पर्क किया गया तो खण्ड स्त्रोत समन्वयक बीआरसी अंतागढ़ के.आर.नाग फोन रिसीव नहीं किया।
टूटे-फूटे पोटाकेबिन स्कूल में पढ़ने को छात्र मजबूर
CG News: आलानार पोटाकेबिन स्कूल मे संचालित कक्षा पांचवी के परीक्षा केन्द्र में पहले पेपर के दौरान केन्द्र अध्यक्ष को परीक्षा के दौरान पेपर जमा एवं सिल करने थैला सिलाई करने परीक्षा केन्द्र को छोड़कर टेलर के पास जाना पड़ा। इस संबंध में परीक्षा केन्द्र अध्यक्ष दसरु राम कुमेटी ने बताया कि पेपर सिल बंद हो कर परीक्षा केन्द्र तक आता है। परंतु जब परीक्षार्थी परीक्षा देकर पेपर जमा करते हैं तो उसे पुन: लिफाफा एवं थैला में भर कर सील बंद किया जाता है।
ऐसे में हमारे पास उस साईज का थैला विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है। हमें स्वयं को टेलर से सिलवाना पड़ रहा है जिसे सिलवाने के लिए टेलर के पास गया हुआ था।
माध्यमिक शाला के प्रभारी प्राधानाध्यपक पी एस लाऊत्रेत्कर ने बताया की तीन कक्षाओं में लगभग सौ की संख्या में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत होती है। प्रयास करते हैं बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएं।
स्कूल की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग की गई पर अब तक स्कूल भवन नहीं मिला। कुछ दिन पूर्व बीआरसी आफिस अंतागढ़ से मौखिक जानकारी निकाल कर आया था कि सन 2014 में ही कोगेरा माध्यमिक शाला के लिए भवन की स्वीकृति हो गई है परंतु आज भी कोगेरा में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के लगभग सौ बच्चे एक मात्र टूटे फूटे तीन कक्ष के पोटाकेबिन स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं।