Illicit liquor: खुलेआम शराब बेचने का सिलसिला जारी
आबकारी व पुलिस विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। क्या शासन सरकारी
शराब दुकान के अधिक मुनाफा को देखकर अवैध शराब बेचने से लेकर शराब कोचियों को खुली छूट दे रखी है या फिर आबकारी और पुलिस की सांठगांठ से अवैध कारोबार को खुला संरक्षण दे रखा है।
नगर के गली- मोहल्ले में दुकान खोलकर खुलेआम शराब बेचने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी तरह नगर से गुजरने वाले हाइवे पर स्थित ढाबे में भी अवैध तरीके से शराब बेचने व पिलाने का कारोबार किया जा रहा है।
नियमों पालन नहीं
शराब बिक्री को लेकर शासन ने तरह-तरह के नियम व मापदंड सुनिश्चित कर रखे हैं। सरकारी शराब दुकानों में नियमों का पालन नहीं हो रहा है, जिसका फायदा शराब कोचिये उठा रहे हैं और जितनी मात्रा में शराब की खरीदी करनी है, उतना एक दिन में बार-बार लाइन लगाकर खरीदा जा रहा है। चाहे देशी या अंग्रेजी दोनों शराब की अवैध बिक्री रोजाना हो रही है।
दुगने कीमत पर बिक्री
Illicit liquor: अवैध शराब बेचने वाले मुनाफा के चक्कर में शराब दुकान से ज्यादा मात्रा में शराब खरीद कर दुगुने कीमत में बेचते हैं। शराब पीने वालों को सरकारी शराब दुकान के खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ता है और बड़ी आसानी से शराब उपलब्ध हो जाती है।