उत्तर प्रदेश के कानपुर के सीएसजेएमयू के कुलपति विनय कुमार पाठक ने बताया कि आकस्मिक बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार का वीडियो, रील, प्रैंक बनाने के लिए अनुमति लेनी पड़ेगी। यह नियम छात्र-छात्राएं, युटुबर, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और सभी व्यक्तियों पर लागू होगा। वीडियो या रील बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
विश्वविद्यालय की छवि होती है प्रभावित
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने पर छात्र-छात्राओं के साथ विश्वविद्यालय की छवि भी प्रभावित होती है। अब वीडियो, रील, प्रैंक बनाने वाले के खिलाफ संबंधित विभागाध्यक्ष कार्रवाई करेंगे। कैंपस के छात्र होने की स्थिति में संबंधित विभागध्यक्ष या फिर चीफ प्रॉक्टर की टीम जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करेगी। बाहरी व्यक्ति होने की स्थिति में चीफ प्रॉक्टर या सुरक्षा अधिकारी पुलिस को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग करेंगे।
सभी विभागों में जागरूकता कक्षाएं चलाई जाएगी
मीडिया प्रभारी सीएसजेएमयू डॉक्टर विशाल शर्मा ने बताया कि इस संबंध में विश्वविद्यालय के सभी विभागों में जागरूकता कक्षाएं चलाई जाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें विशेषज्ञ की टीम प्रैंक, रील, वीडियो को लेकर आवश्यक जानकारी देंगे। जर्नलिज्म विभाग के छात्र-छात्राओं का भी सहयोग लिया जाएगा। जिनके माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
रील बनाने वाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार
इधर कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने रील बनाने वाले बीटेक छात्र के खिलाफ कार्रवाई की है। कल्याणपुर थाना पुलिस ने बताया कि प्रशुभ तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।