क्या लिखते हैं विशेष सचिव चिकित्सा?
उत्तर प्रदेश विशेष सचिव आर्यका अखौरी के आदेश में बताया गया है कि डॉक्टर उदयनाथ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रावस्ती को 19 जून को कानपुर नगर का मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात की की गई थी। उक्त तैनाती के विरुद्ध तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरीदत्त नेमी ने उच्चतम न्यायालय की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की थी।
क्या है आदेश में?
इस संबंध में हाई कोर्ट से जारी आदेश के अनुसार डॉक्टर उदयनाथ को कानपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर की गई नियुक्ति स्थगित की जाती है। उन्हें अगले आदेशों तक श्रावस्ती के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्य करने को कहा गया है। लेकिन आदेश में कानपुर के सीएमओ के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गई है। समाचार लिखे जाने तक डॉक्टर हरिदत्त नेमी कानपुर चार्ज लेने के लिए नहीं पहुंचे हैं।
डीएम और सीएमओ के बीच विवाद
कानपुर में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरीदत्त नेमी के बीच का विवाद आम हो गया। जब सीएमओ और डीएम ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिलाधिकारी ने शासन को पत्र भेज कर सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। जिस पर शासन ने सीएमओ डॉक्टर हरिदत्त नेमी को 18 जून को निलंबित कर दिया। श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उदयनाथ को कानपुर का सीएमओ बनाया था।
निलंबन के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे सीएमओ
अपने निलंबन के खिलाफ डॉक्टर हरिदत्त नेमी ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद डॉक्टर हरिदत्त नेमी का निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें कानपुर के सीएमओ पद पर बने रहने का आदेश दिया। हाई कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर हरिदत्त नेमी 9 जुलाई को सीएमओ कार्यालय में चार्ज लेने के लिए पहुंचे तो जमकर हंगामा हुआ।
शासन ने अदालत का आदेश माना
डॉ हरिदत्त नेमी ने हाई कोर्ट से स्टे का हवाला देते हुए कहा कि मेरा स्टे हो गया है और आपका भी स्टे है। कोर्ट के आदेश के अनुसार आपको श्रावस्ती वापस जाना पड़ेगा। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की मौजूदगी में सीएमओ हरिदत्त नेमी को ऑफिस से बाहर निकलना पड़ा। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश को देखते हुए शासन ने स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिया। डॉ उदयनाथ को भी श्रावस्ती वापस भेज दिया गया।