उत्तर प्रदेश के कानपुर के आरटीओ ऑफिस में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। आरआई अजीत सिंह ने बिना भौतिक सत्यापन के मारुति वैन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जबकि नियम कहता है कि बिना भौतिक सत्यापन के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता है। इसका खुलासा तब हुआ। जब फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर वाहन स्वामी एआरटीओ कानपुर के पास पहुंच गया और सीज गाड़ी को रिलीज करने की मांग की।
क्या है मामला?
एआरटीओ हमीरपुर अमिताभ राय ने डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया। वाहन चेकिंग के दौरान ओमनी वैन का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं पाया गया। 6 जून की सुबह 10.45 पर एआरटीओ ने गाड़ी सीज कर दिया। इसके बाद वाहन स्वामी ने आरटीओ ऑफिस कानपुर से संपर्क किया। आरआई अजीत सिंह ने बिना भौतिक सत्यापन के ओमनी वैन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
सीज गाड़ी का जारी किया गया फिटनेस प्रमाण पत्र
एआरटीओ ने जब फिटनेस प्रमाण पत्र की जांच वाहन पोर्टल पर की तो जानकारी हुई कि 4 जून की दोपहर को फिटनेस किया गया है। इस संबंध में उन्होंने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से शिकायत की। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की जांच में आरोप सही पाए गए और आरआई अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया। आरआई अजीत सिंह इसके पहले भी सीज वाहन को फिटनेस प्रमाण पत्र दे चुके हैं। औरैया जिले का है। जब उन्होंने जब्त वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया था।