उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरी दत्त नेमी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जो ‘एक्स’ पर वायरल हो रहा है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुबोध प्रकाश यादव समाजवादी मानसिकता के लिए कार्य कर रहे थे। जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही थी। इसलिए उन्हें जिला क्षय रोग अधिकारी बना दिया। जिससे जिलाधिकारी बौखला गए।
स्थानांतरण निरस्त करने को कहा
निलंबित सीएमओ ने पत्र में लिखा है कि डीएम ने मुझे बुलाकर डॉक्टर सुबोध प्रकाश यादव का स्थानांतरण तत्काल निरस्त करने को कहा। उनके यह कहने पर की डॉक्टर सुबोध प्रकाश यादव भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। उनके खिलाफ कई शिकायतें आ रही थी। इस पर डीएम साहब ने कहा कि जो मैं कहता हूं, वही करो। किसी भी जनप्रतिनिधि की नहीं सुननी है। सपा, भाजपा से तुम्हारा कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन उन्होंने स्थानांतरण नहीं रोका।
डीएम साहब ने कहा तुम मंदबुद्धि हो
निलंबित सीएमओ ने अपने पत्र में एक करोड़ 60 लाख 47 हजार के भुगतान के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीबीआई जैसी चार्जशीटेड कंपनी मेसर्स जेएम फार्मा को एक करोड़ 60 लाख 43 हजार भुगतान बनाने के लिए दबाव बनाया गया। जांच में पाया गया कि 30 लाख रुपए का सामान आया ही नहीं है। यह सुनते ही डीएम आग बबूला हो गए और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें मंदबुद्धि बताया। डीएम साहब ने कहा कि तुम्हें पैसा कमाना नहीं आता है।
क्या कहते हैं जिलाधिकारी?
निलंबित सीएमओ डॉक्टर हरिदत्त नमी ने कहा कि अगर आगे उनकी सुनवाई नहीं होती है तो जिलाधिकारी के खिलाफ कानून का दरवाजा खटखटाएंगे। इस संबंध में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आप बेगुन याद है लगा है। शासन के आदेश पर किसी प्रकार की टिप्पणी करना अनुशासनहीनता है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।