प्रदेश में आगामी पंचायतीराज चुनाव को लेकर राज्य सरकार द्वारा राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायत समितियों को पुनर्गठन कराया जा रहा है। इसके तहत करौली जिले की मौजूदा 8 पंचायत समितियों का पुनर्गठन प्रस्तावित किया है। आबादी और मांग के आधार पर 69 नई ग्राम पंचायतें नवसृजित की गई हैं। ऐसे में न्यूनतम 25 ग्राम पंचायतों पर एक नई पंचायत समिति बनाने के लिए प्रारूप तैयार किया गया है।
इसमें टोडाभीम उपखंड में बालघाट, हिण्डौन उपखण्ड में शेरपुर व सपोटरा उपखण्ड में कुड़गांव को पंचायत समिति के रूप में पुनर्गठित करना प्रस्तावित किया गया है। वर्तमान में जिले में करौली, हिण्डौन, सपोटरा, मासलपुर, मंडरायल, श्रीमहावीरजी, नादौती व टोडाभीम 8 पंचायत समितियां व 240 ग्राम पंचायत हैं।
करौली में सर्वाधिक 9 नई ग्राम पंचायत
पंचायतीराज पुनर्गठन व नवसृजन के तहत जिले में प्रस्तावित 69 ग्राम पंचायतों में सर्वाधिक 9 करौली पंचायत समिति में हैं। जबकि सबसे कम 3 नई ग्राम पंचायतें प्रस्तावित बालघाट पंचायत समिति में हैं। वहीं सपोटरा, कुड़गांव और नादौती में 8-8, मंडरायल, हिण्डौन व मासलपुर में 6-6, तथा श्रीमहावीरजी, शेरपुर व टोडाभीम में 5-5 ग्राम पंचायतों का नवसृजन किया गया है। अब नादौती सबसे बड़ी पंचायत समिति
जिला कलक्टर की ओर प्रकाशित प्रारूप के अनुसार ग्राम पंचायतों के लिहाज से नादौती सबसे बड़ी पंचायत समिति होगी। पुनर्गठन में नादौती में 34 ग्राम पंचायत प्रस्तावित की हैं। जबकि वर्तमान में 43 ग्राम पंचायतों से टोडाभीम सबसे बड़ी पंचायत समिति है।
पुनर्गठन में प्रस्तावित की गई जिले की 11 पंचायत समितियों में मासलपुर पंचायत समिति की सबसे कम आबादी 88207 है। वहीं, जिला मुख्यालय की करौली पंचायत समिति की आबादी 91 765 है। जबकि अन्य पंचायत समितियों की आबादी एक लाख से अधिक है। सपोटरा पंचायत समिति की 1 लाख 8 हजार 834, मंडरायल पंचायत समिति की 1 लाख 4 हजार 665, कुड़गांव पंचायत समिति की 1 लाख 32 हजार 771, हिण्डौन पंचायत समिति की 1 लाख 1 हजार 978, श्रीमहावीरजी पंचायत समिति की 1 लाख 3 हजार 883, शेरपुर पंचायत समिति की 1 लाख 4 हजार 531, टोडाभीम पंचायत समिति की 1 लाख 1 हजार 957 तथा नादौती पंचायत समिति की 1 लाख 50 हजार 898 आबादी है।
जिले में पंचायत समितियों, ग्राम पंचायतों एवं ग्रामों के प्रस्तावित पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन एवं नवसृजन के प्रारूप जारी कर दिया है। 6 मई तक आमजन प्रारूप से संबंधित अपत्तियां तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी अथवा जिला कलक्टर कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। इस अवधि के बाद फाइनल ड्राफ्ट राज्य सरकार को भेजा जाएगा।- नीलाभ सक्सेना, कलक्टर , करौली