श्रीमद्भागवत कथा के क्रम में कथा व्यास युवराज स्वामी बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज ने भागवत पुराण के महात्म्य की कथा सुनाई। भागवत पुराण को वेदों का सार बताते हुए कहा, श्रीमद्भागवत केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला और आत्मा के परमात्मा से मिलन का मार्ग है। इसके अध्ययन और श्रवण से मानव जन्म का उद्धार संभव है। भागवत महात्म्य में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का महत्व बताया गया है। कथा सुनाने के दौरान उन्होंने भक्ति को साधन और मोक्ष का माध्यम बताते हुए भक्तों को इसके महत्व को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि कैसे श्रीमद्भागवत के श्रवण से पापी से पाप मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने भक्तों को यह भी संदेश दिया कि मानव जीवन में सबसे बड़ा पुण्य भगवान के नाम का स्मरण और उनकी कथा का श्रवण है। श्री बजरंग बाल रामायण समाज के नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि सोमवार को राजा पारीक्षित जन्म स शुकदेव आगमन की कथा सुनाई जाएगी।
शहर में निकली विशाल शोभायात्रा में आस्था का सैलाब उमड़ा। इस दौरान लोगों को हनुमतकुटी धाम के संत सुरेंद्रदास महाराज के भी आशीर्वचन प्राप्त हुए। सोमवार को श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन, हनुमान चालीसा का भी आयोजन होगा। सुबह 8 बजे से 11 बजे तक लक्ष्मीनारायण यज्ञ, पारायण व दोपहर 2 बजे से प्रवचन होंगे। भागवत कथा के आयोजन में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।