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यह रही जांच की प्रक्रिया
टीम के सदस्य जिनमें इंजीनियर और असिस्टेंट शामिल थे, उन्होंने सडक़ों का निरीक्षण करते हुए कोर कटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया। इस प्रक्रिया में सडक़ की सतह से छोटे-छोटे नमूने काटे जाते हैं, ताकि उसकी मोटाई, मजबूती और अन्य गुणवत्ता संबंधी पहलुओं का मूल्यांकन किया जा सके। इसके साथ ही, मोबाइल मटेरियल टेस्टिंग लैब मशीन का भी उपयोग किया गया, जो जीपीएस सिस्टम से कनेक्टेड थी। इस तकनीक के माध्यम से अधिक सटीकता से जांच की गई और सडक़ों की गुणवत्ता का सही आकलन किया गया। जांच के दौरान नगर निगम के इंजीनियर, सब इंजीनियर और ठेकेदार भी मौके पर मौजूद थे। टीम ने उनसे सडक़ निर्माण की प्रक्रियाओं और तकनीकी पहलुओं के बारे में भी चर्चा की। यह बातचीत यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि सभी निर्माण मानकों का पालन किया गया है।
विभाग को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
टीम द्वारा की गई इस जांच का परिणाम जल्द ही तैयार किया जाएगा। सेम्पल रेंडमली लैब भेजे जाएंगे, इसके बाद लैब से रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट सरकार व संबंधित विभाग को सौंपा जाएगी, जो आगे की कार्रवाई करेगी। यह रिपोर्ट सडक़ों की गुणवत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है। क्वालिटी मॉनीटरिंग टीम की यह जांच कायाकल्प योजना के तहत किए गए निर्माण कार्य की पारदर्शिता और गुणवत्ता की ओर एक सकारात्मक कदम है। इस जांच के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नागरिकों को बेहतर और सुरक्षित सडक़ें मिलें।