छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर की डबल बेंच में न्यायमूर्ति रजनी दुबे व न्यायमूर्ति अमितेंद्र कुमार प्रसाद ने 17 जून को अंतिम सुनवाई कर रखे गए सुरक्षित फैसले को 1 जुलाई को जारी कर प्राचार्य पदोन्नति के विरुद्ध लगाई गई समस्त 13 याचिकाओं को खारिच करते हुए शासन द्वारा की गई प्राचार्य की पदोन्नति को नियमों के तहत मानते हुए शासन को भर्ती पदोन्नति नियम के कंडिका 15 में आंशिक संशोधन करने का सुझाव देकर पदोन्नति पर लगी रोक को हटा दिया है।
CG Principal Promotion: पदोन्नति के कुल 3224 पद रिक्त
छत्तीसगढ़ प्राचार्य पदोन्नति फोरम के अनिल शुक्ला व राकेश शर्मा ने बताया कि न्यायालयीन फैसले के उपरांत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 30 अप्रैल 2025 को व्याख्याता एवं प्रधान पाठक माध्यमिक विद्यालय से प्राचार्य पदोन्नति के कुल 2813 प्राचार्य की पदस्थापना आदेश शीघ्र जारी हो जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 4690 है जिसमें वर्तमान में 1430 प्राचार्य कार्यरत है पदोन्नति के कुल 3224 पद विगत कई वर्षों से रिक्त है।
स्कूल शिक्षा में वर्ष 2016 एवं आदिम जाति कल्याण विभाग जो कि अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन है उसमें वर्ष 2013 में अंतिम बार पदोन्नति हुई थी विगत 10 वर्षों से प्राचार्य की पदोन्नति नहीं होने के कारण चार संगठनों ने प्राचार्य पदोन्नति फोरम का गठन करते हुए 17 दिसंबर 2024 को इंद्रावती एवं महानदी भवन के समक्ष हजारों की तादात में प्रदर्शन कर शासन पर प्राचार्य पदोन्नति का दबाव बनाया।
शासन ने प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी कर किया तो पदोन्नति के विरुद्ध उच्च न्यायालय में लगाई गई समस्त याचिकाओ के विरुद्ध प्राचार्य पदोन्नति फोरम ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर उच्च न्यायालय के सात अधिवक्ताओं के माध्यम से अपना पक्ष रखा। उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का स्वागत करते हुए इसे सत्य की जीत कहा है। पदोन्नति फोरम ने स्कूल शिक्षा विभाग से मांग किया है कि जिनका नाम 30 अप्रैल को जारी पदोन्नति आदेश में सम्मिलित है यदि वह सेवानिवृत हो गए हो तो भी उन्हें प्राचार्य पदोन्नति का लाभ देना चाहिए।