इन सुविधाओं से होगा लैस
मठ-मंदिरों के भवनों, कॉरिडोर, परिसरों की डिजाइन ऐसी होगी कि अंदर बिजली की कम जरूरत पड़ेगी। जहां जरूरत होगी, वहां सौर ऊर्जा का प्रयोग होगा। इसके पीछे दुनिया के लिए चुनौती पैदा कर रहे थर्मल पावर प्लांटों में पैदा होने वाली कम से कम बिजली का उपयोग करना है। निर्माण कार्यों में पर्यावरण अनुकूल सामग्रियां उपयोग होंगी। नर्मदा के दोनों तट पर भगवान शिव, वेदव्यास से लेकर सम-सामयिक संतों की मूर्तियां लगेंगी। उनके दर्शन के लिए अद्वैत नौका विहार की सुविधा होगी। सबसे छोटी यात्रा 15 मिनट की होगी।
एकात्म धाम का होगा हिस्सा
ओंकारेश्वर में 126 हेक्टेयर में 4 चरण में एकात्म धाम (Ekatma Dham) बन रहा है। पहले चरण का काम 90% हो चुका है। एकात्मता की मूर्ति, अद्वैत लोक, वेदांत संस्थान, सूचना केंद्र व शंकर निलमय परिसर सहित कुल 4000 करोड़ खर्च होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व मंत्रियों ने इंदौर की कैबिनेट बैठक में इस लोक को स्वीकृति देते समय तय किया कि ओंकारेश्वर वर्षों से धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है, यहां से दुनिया भर में प्रकृति संरक्षण का संदेश भी जाना चाहिए। इंजीनियरों को लोक के सभी कामों में नर्मदा नदी व प्रकृति के संरक्षण का खास ध्यान रखने को कहा है। दिखेंगी ये 7 विशेषताएं
- 7 डायोरमा : आचार्य शंकर के चरित्र का रोबोटिक्स सहित नएमाध्यम से प्रदर्शन।
- माया (3 डी डोम प्रोजेक्शन गैलरी) सृष्टि की उत्पत्ति, लय एवं विनाश का डोम प्रोजेक्शन से प्रदर्शन।
- हाई स्क्रीन थिएटर आचार्य शंकर के जीवन पर फिल्म प्रदर्शन के लिए 500 की क्षमता का थिएटर बनेगा।
- प्रादर्श वीथिकाएं सनातन के आयामों के प्रादर्श, विभिन्न शैलियां बताती कला वीथिका, शक्ति और संन्यास गैलरी
- ध्यान केंद्र: श्रवण, मनन, निधिध्यासन पर आधारित ध्यान केंद्र बनेगा।
- अन्नपूर्णा : राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों को परोसे जाने की सुविधा।
- लेजर लाइट-वाटर शो वेदांत की कथाओं पर शो।