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खंडवा

मौसम की मार : अस्पताल का ब्लड बैंक ‘ सूखा ’, मरीजों को सिर्फ ‘ आधा ’ यूनिट ब्लड

मौसम की मार मरीजों पर ही नहीं बल्कि उनके खून पर पड़ने लगी है। तापमान 42 डिग्री होने से अस्पताल का ब्लड बैंक भी सूखने लगा है। ब्लड बैंक में सिर्फ 56 यूनिट खून बचा है।

खंडवाApr 16, 2025 / 12:35 pm

Rajesh Patel

blood bank

सिविल सर्जन से नि : शुल्क ब्लड की अनुमति लेने पहुंचा सिकल सेल पीड़ित

खंडवा ब्लड बैंक को इंदौर ब्लड बैंक ने खून का लोन देने से खडे़ किए हाथ, डॉक्टर बोले गर्मी में नहीं हो रहे रक्तदान, मरीजों के परिजन, रिश्तेदार भी रक्तदान के लिए नहीं आ रहे आगे
Blood Sample
प्रतीकात्मक फोटो

अस्पताल में प्रतिदिन 40-45 यूनिट ब्लड की जरूरत

मौसम की मार मरीजों पर ही नहीं बल्कि उनके खून पर पड़ने लगी है। तापमान 42 डिग्री होने से अस्पताल का ब्लड बैंक भी सूखने लगा है। अस्पताल में प्रतिदिन 40-45 यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती हैै। ब्लड बैंक में सिर्फ 56 यूनिट खून बचा है। इंदौर के ब्लड बैंक ने खून का लोन देने से इंकार कर दिया। गर्मी में न तो मरीजों को और न ही ब्लड बैंक को रक्त दानदाता मिल रहे हैं। ऐसे में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के खून की डिमांड आधी कर दी गई है।
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इमरजेंसी सेवा के लिए पर्याप्त नहीं खून

ब्लड बैंक में इमर्जेंसी सेवा के लिए रखा खून भी कम हो गया है। इससे चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई है। कुछ डॉक्टर व स्टाफ नर्स ने स्वयं रक्तदान कर मरीजों का ऑपरेशन किया है। मंगलवार की दोपहर अस्पताल पहुंचे सिकल सेल, थैलेसीमिया के रेगुलर मरीजों को डॉक्टर ने दो-दो यूनिट ब्लड की डिमांड की। मरीजों को ब्लड बैंक से दो यूनिट की जगह एक-एक ही यूनिट खून मिला। आधा खून की चढ़ाकर लौटना पड़ा।

सिकल सेल, थैलेसीमिया के रेगुलर मरीज परेशान

मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में ऑपरेशन, सिकल सेल थैलेसीमिया,एनीमिया आदि मरीजों को मुफ्त में खून दिया जा रहा है। ब्लड बैंक में एक्सचेंज की संख्या भी कम हो गई है। मरीजों के भाई, परिवार और रिश्तेदार भी एक्सचेंज के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। मंगलवार दोपहर सिकल सेल, थैलेसीमिया के दो मरीज पहुंचे। दोनों को दो-दो यूनिट की जरूरत थी। अस्पताल में खून कम होने से एक-एक यूनिट ही दिया गया।

मंत्री के कहने पर भी दो की जगह मिला एक यूनिट

अनन्या नाम के मरीज के लिए मंत्री विजय शाह के आवास से अस्पताल में फोन आया था। दो यूनिट की जगह सिर्फ एक यूनिट उपलब्ध हो सका। मरीज को ब्लड बैंक के कर्मचारी सलाह दी है कि हर माह खून की जरूरत पड़ती है। एक्सचेंज के लिए परिवार या फिर रिश्तेदार बात करके आएं। खून एक्सचेंज हो होने से दूसरे मरीज जिनके साथ कोई नहीं आता है। उनके जरूरत की पूर्ति की जा सके। हर रोज अस्पताल में कई ऐसे मरीज मिल रहे हैं जिनके साथ कोई नहीं आता है।

पांच जांचों के बाद मरीज में उपयोग होता है खून

ब्लड बैंक में रक्त दान करने वाले व्यक्ति की पांच प्रकार की जांच मुफ्त में हो जाती है। छह माह में दो बार खून दान करना चाहिए। इससे बीमारियों का पता चलता है। 18 साल से अधिक उम्र और वजन 45 किलो से कम नहीं हो। शरीर में 5 लीटर ब्लड होता है। ब्लड सिर्फ 250 एमएल दान करना होता है। दान करने के चौबीस घंटे के भीतर ब्लड की भरपाई हो जाती है। ब्लड एक्सचेंज के दौरान पांच जांचे की जाती हैं। इसके बाद मरीज के लिए खून का उपयोग किया जाता है। इसमें हेपेटाइटिस बी, सी, एचआइवी, वीडीआरएल, मलेरिया पैरासिस की जांच हो जाती है।

रक्त दान से इन बीमारियों की जांच मुक्त

ब्लड बैंक में रक्त दान से पांच बीमारियों की मुक्त जांच हो जाती है। हेपेटाइटिस बी व सी वायरल संक्रमण है जो लीवर को डैमेज करता है। वीडीआरएल एक सिफलिस का परीक्षण है। एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। मलेरिया पैरासिस एक ऐसी बीमारी है जो मादा मच्छर के काटने से होती है। मलेरिया की गंभीर का एक रूप है। ब्लड दान करने के बाद यदि ये बीमारियां मिलती हैं तो डॉक्टर उन्हें बुलाकर इलाज देते हैं।

सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं को भेजा पत्र

इनका कहना ब्लड बैंक प्रभारी डॉ अतुल माने ब्लड बैंक में खून की कमी है। इस लिए रेगुलर मरीजों को दो की जगह एक यूनिट दिया गया है। संबंधित ग्रुप के लिए एक्सचेंज की सलाह दी गई है। कैंप के लिए मेडिकल कॉलेज समेत सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं को पत्र भेजकर आग्रह किया है। गर्मी होने के कारण रक्तदान कम हो गए हैं। कोई भी व्यक्ति छह माह में दो बार रक्तदान सकते हैं। शरीर को नुकसान नहीं होता है। ब्लड बैंक में डोनेट कर सकते हैं।

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