इससे न सिर्फ
खरगोन बल्कि
इंदौर और
धार जिले के 123 गांवों में 28 हजार हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुंचेगा। इससे हरियाली के साथ ही आदिवासियों के परंपरागत हुनर को पंख लगेंगे। महेश्वर में सिंचाई योजना के स्थापित होने से मां नर्मदा का जल निमाड़ के वंचित क्षेत्र की धरती को हरा भरा करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुनकरों से चर्चा कर उनके हुनर को आगे बढ़ाने का दिलासा दिया। इससे बुनकरों के साड़ी कारोबार को संजीवनी मिलेगी। विकास कार्यों के लिए 1042.24 करोड़ रूपए की लागत के कुल 27 कार्यों का लोकार्पण/शिलान्यास कर क्षेत्रवासियों को सौगात दी।
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इस दौरान मोहन यादव ने लोकमाता अहिल्याबाई की धार्मिक नगरी में नारी सशक्तिकरण को लेकर भी योजना का ऐलान किया। उन्होंने परित्यागता बहनों के लिए मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत 2 लाख रुपए विवाह के लिए देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने कुएं और बगीचों का निर्माण किया था इसलिए अस्थाई कनेक्शन वाले 2 लाख किसानों को 3 से 5 हॉर्स पावर का पंप उपयोग करने वाले को सोलर पंप देंगे इससे उन्हें मुफ्त बिजली मिलेगी। शेष 30 लाख अस्थाई कनेक्शन धारी को दूसरे चरण में सोलर पंप देने का कैबिनेट में प्रस्ताव लाया है ।
मंत्रोचार से गूंज उठा अहिल्या देवी घाट
मुख्यमंत्री मोहन यादव सबसे पहले कैबिनेट के साथ अहिल्यादेवी घाट पहुंचे उन्होंने मां अहिल्यादेवी की जयंती पर उनके मूर्ति का अनावरण किया। ग्रुप फोटो सेशन कराया। इसके बाद मां दुर्गा घाट पर पूजा-अर्चना कर अहिल्या घाट पर सीडीओ पर 121 कलश और 21 पंडितों के विधि विधान से मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की । इस दौरान घाट पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, जगदीश देवड़ा, पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल कैबिनेट के साथ क्षेत्रीय सांसद और विधायक भी मौजूद रहे। यह भी पढ़ें- वायरल गर्ल मोनालिसा बनेगी हीरोइन, मिला बॉलीवुड फिल्म का ऑफर घाट से ट्रैवलर बस में बैठकर कैबिनेट स्थल हुए रवाना
घाट पर पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट के साथ ट्रैवलर बस से रवाना हुए। मुख्यमंत्री मोहन यादव के बगल वाली सीट पर दोनों उप मुख्यमंत्री एक साथ बैठे। इसके साथ ही उनके पीछे कैबिनेट के अन्य मंत्री सवार हुए। नर्मदा की पूजा-अर्चना के बाद सभी मंत्री सीधे कैबिनेट की बैठक में चले गए।
मंत्रियों के स्वागत में फूल माला लेकर खड़े रह गए व्यापारी
अहिल्या देवी घाट पर पूजा-अर्चना के बाद सीएम मोहन यादव के कैबिनेट का काफिला बाजार से होकर नगर परिषद के सामने वाली सडक़ से कैबिनेट स्थल पर पहुंच गया। व्यापारी और रहवासी कई जगहों पर स्वागत में खड़े रहे। काफिले की रफ्तार धीमी नहीं होने से वह मायूस रह गए। कई कारोबारी ने निमाड़ी भाषा में कहा कि सरकार पांव-पांव आते तो उनका स्वागत कर पाते, इस दौरान काफिले को देखने के लिए चौराहे से लेकर गलियों में लगे रहे।
मंत्रियों के काफिले में अचानक आया मवेशी
कैबिनेट स्थल से मंडलेश्वर के लिए मंत्रियों का काफिला निकला जैसे ही नगर पंचायत और बस स्टैंड चौराहे के बीच काफिला पहुंचा कि अचानक दो अलग-अलग जगह पर मवेशी आ गए। सडक़ के दोनों छोर पर काफिला देखने के लिए व्यापारियों और आसपास से गांव के लोगों के भीड़ जमा रही गनीमत रही की गाडिय़ों के रफ्तार के बीच दोनों मवेशियों को सिपाहियों ने जैसे तैसे साइड किया। एक मवेशी ने सिपाही को ही दौड़ा लिया था आधा काफिला निकालने के बाद बस स्टैंड के पास आधा काफिला फंस गया। दरअसल यह सब तब हुआ कि सिपाहियों को पता चला कि काफिला अब नहीं है लेकिन अचानक पीछे पांच मंत्रियों के और वाहन आ गए।