CG News:विजय सेंट्रल कोल माइंस नीलाम
इस कोल ब्लॉक में लगभग 56.750 मिलियन टन कोयला भंडार का अनुमान है। सबसे ऊंची बोली लगाकर इस कोल ब्लॉक को रूंगटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड ने प्राप्त किया है। विजय सेंट्रल
कोरबा जिले की पहली कोल ब्लॉक है जिसे केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने कमर्शियल कोल माइनिंग के लिए सफल नीलामी की प्रक्रिया पूरी की है।
इससे पहले कोयला मंत्रालय की ओर से मदनपुर साउथ, मदनपुर नार्थ, करतला कोल ब्लॉक को नीलाम करने की योजना बनाई गई थी। इन ब्लॉकों की सूची नीलाम के लिए कोयला मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक की गई थी, लेकिन यह ब्लॉक नीलाम नहीं हो सकी थी। इसके पीछे कई तकनीकी पेंच बताए जा रहे थे, आखिरकार कोयला मंत्रालय ने विजय सेंट्रल कोल माइंस को नीलाम कर दिया है।
गौरतलब है कि कोरबा जिले में कोयले का बड़ा भंडार है और पहले से ही यहां एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका, कुसमुंडा चल रही है। इसके अलावा कोरबा एरिया के अंतर्गत अंबिका, सराईपाली और मानिकपुर ओपनकास्ट माइंस है। कोरबा एरिया से ही रजगामार, बगदेवा, ढेलवाडीह, सिंघाली भूमिगत कोयला खदान का संचालन किया जाता है।
CG News: अभी तक इन सभी खदानों पर कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी
एसईसीएल का मालिकाना हक है लेकिन विजय सेंट्रल कोरबा जिले की पहली कोयला खदान होगी जिस पर निजी कंपनी रूंगटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड का मालिकाना हक होगा। नीलामी के 11वें चरण में रूंगटा सन्स ने झारखंड के सेरेगरा कोल ब्लॉक को भी हासिल किया है। यहां लगभग 187 मिलियन टन कोयले का भंडार है। कोयला खनन की नीति में बदलाव होने के बाद कोरबा जिले में खनन के क्षेत्र में कदम रखने वाली रूंगटा सन्स पहली कंपनी होगी।
आसान नहीं होगा खनन
CG News: रूंगटा कंपनी के लिए विजय सेंट्रल कोयला खदान को चालू करना आसान नहीं होगा। पूर्व से ही इस क्षेत्र में रानीअटारी और विजय वेस्ट कोयला खदान संचालित है। इन दोनों खदानों से आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी नुकसान हो रहा है और ग्रामीण नए खदान के पक्षधर नहीं हैं।