Korba News: कंपनी को करोड़ों का नुकसान
कोरबा जिले में हसदेव ताप विद्युत गृह में यहां 210-210 मेगावाट की चार इकाइयां स्थापित है। यहां से 840 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इसके अलावा इसी संयंत्र परिसर में 500 मेगावाट की पांचवीं इकाई है। रंगोंत्सव के दिन जब अफसर और
कर्मचारी होली मना रहे थे उसी दिन दोपहर लगभग दो से ढाई बजे के बीच संयंत्र परिसर के स्वीच यार्ड में स्थित 400 केवी के ट्रांसफार्मर में आग लग गई।
देखते ही देखते आग की लपटों ने बाजू में स्थित 400 केवी के दूसरे
ट्रांसफार्मर को भी अपनी चपेट में ले लिया और दोनों ही ट्रांसफार्मर से आग की लपटें उठने लगी। आसपास के क्षेत्रों में काला धुआं फैल गया। आग की लपटें इतनी तेज थी कि घटना के दिन इस पर काबू नहीं पाया जा सका। रात भर ट्रांसफार्मर की आग नहीं बुझी।
सेंट्रल पूल से ले रहे लगभग 3900 मेगावाट बिजली
छत्तीसगढ़ सरकार को अपनी
औद्योगिक और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्तमान में 6000 मेगावाट से अधिक बिजली की जरूरत पड़ रही है जबकि बिजली कंपनी अपनी सभी इकाइयों से 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर पा रही है। शेष की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार सेंट्रल पूल से 3800 से 3900 मेगावाट बिजली ले रही है। अचानक सेट्रल पूल पर निर्भरता बढ़ने से प्रदेश सरकार पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।