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Korba News: स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल, समय पर नहीं मिल रही एंबुलेंस…

Korba News: कोरबा जिले में स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल है। आबादी बढ़ने के बाद भी एंबुलेंस की सुविधा पुरानी व्यवस्था के तहत चल रही है।

कोरबाJun 06, 2025 / 05:28 pm

Shradha Jaiswal

समय पर नहीं मिल रही एंबुलेंस...(photo-patrika)

समय पर नहीं मिल रही एंबुलेंस…(photo-patrika)

Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल है। आबादी बढ़ने के बाद भी एंबुलेंस की सुविधा पुरानी व्यवस्था के तहत चल रही है। इसमें भी महतारी एक्सप्रेस की चार गाड़ियां सड़क से बाहर हो गई है। ज्यादातर गाड़ियां खटारा हो चुकी हैं। 108 संजीवनी एक्सप्रेस गाड़ियाें की समय पर मेंटेनेंस नहीं होने से कई बार बीच सड़क पर खराब हो रही है।
जिले की आबादी लगभग 12 लाख से अधिक हो गई है। इसमें से ज्यादातर आबादी ग्रामीण और सुदूर वनांचल क्षेत्र में है। लेकिन स्वास्थ्य सुविधा के तहत महतारी एक्सप्रेस और संजीवनी एक्सप्रेस की गाड़ियां मरीज व गर्भवती महिलाओं को समय पर नहीं मिल रही है। सबसे अधिक दुर्घटना सहित अन्य आपातकालीन स्थिति में जिला अस्पताल या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से हायर सेंटर बिलासपुर और रायपुर जाने के लिए सयम पर गाड़ियां नहीं मिल पाती है।
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Korba News: जिले की स्वास्थ्य चरमराई

बताया जा रहा है कि नेशनल हेल्थ मिशन अंतर्गत जिले में गर्भवती महिलाओं और एक साल तक के बीमार शिशुओं को समय पर बेहतर इलाज के लिए 102 महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस और संजीवनी एक्सप्रेस की क्रमश: 14-11 गाड़ियां मिली थी। इसके लिए एक निजी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
संचालक एजेंसी की ओर से एंबुलेंस की न तो समय पर सर्विंस कराया जा रहा है, न ही खराब सामानों की बदली कराई जा रही है। कई बार दुर्घटना होने के बाद गाड़ियों को ठीक भी नहीं कराया जा रहा है। इस कारण धीरे-धीरे अब कई एंबुलेंस की गाड़ियां खटारा हो चुकी हैं।

चार महतारी एक्सप्रेस हो गई कंडम

महतारी एक्सप्रेस की ही चार गाड़ियां दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गई है, जो सड़क से बाहर हो चुकी है। इस कारण गर्भवती महिलाओं व एक साल तक के शिशुओं को समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल रही है। इसके अलावा संजीवनी एक्सप्रेस भी दुर्घटना स्थल पर समय पर नहीं पहुंचती है।
इस तरह के पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। कई बार एंबुलेंस देरी से पहुंच रही है, तो कई बार मरीजों को कॉल का रिस्पांस भी नहीं मिल रहा है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग गंभीरता नहीं दिखा रही है। इधर बिलासपुर, रायपुर हायर सेंटर जाने पर एंबुलेंस लगभग 12 से 18 घंटे के लिए व्यस्त हो जाती है। इस दौरान अन्य मरीजों को एंबुलेंस की जरूरत पड़ने पर समस्या बढ़ जाती है

समय पर जांच नहीं, एंबुलेंस में हो रहा प्रसव

विकासखंडों में महतारी एक्सप्रेस की कमी है। गर्भवती महिलाओं के परिजनों के फोन करने पर भी गाड़ी समय पर नहीं पहुंच पाती है। इस कारण गर्भवती महिलाओं को प्रसव संबंधी सहायता, प्रसव पूर्व जांच नहीं मिल पाती है। प्रसव संबंधी जानकारी देरी से मिलने पर महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में ही हो जाती है। इस तरह के मामले में सबसे अधिक पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के क्षेत्रों से सामने आते हैं। बारिश के मौसम में परेशानी और बढ़ सकता है।

भेजा गया प्रस्ताव

कोरबा सीएमएचओ के डॉ. एसएन केसरी ने कहा की जिले में बढ़ती आबादी को देखते हुए संजीवनी एक्सप्रेस व महतारी एक्सप्रेस की चार और गाड़ियों के प्रस्ताव भेजा गया है। एंबुलेंस मिलने से सुविधा बढे़गी।
बताया जा रहा है कि जिले में 11 संजीवनी एक्सप्रेस संचालित हैं। इसमें से कटघोरा, पोड़ी उपरोड़ा, में एक-एक और करतला, पाली और जिला अस्पताल में दो-दो व कोरबा विकासखंड में तीन गाड़ियां हैं। जबकि हाइवे लगे कटघोरा, पोड़ी उपरोड़ा सहित अन्य मुख्य मार्गों पर सबसे अधिक हादसे हो रहे हैं। इस दौरान परेशानी बढ़ जाती है। इसके अलावा महतारी एक्सप्रेस की १४ गाड़ियां मिली थी। इसमें से चार गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त और खराब होने के कारण सड़क से बाहर हो गई है।

सप्ताह भर बाद बारिश का मौसम, बढ़ जाएगी परेशानी

वर्तमान में लगभग 10 महतारी एक्सप्रेस संचालित हो रही है। लेकिन इसमें भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। महतारी एक्सप्रेस और संजीवनी एक्सप्रेस की कुछ गाड़ियां कई बार मरीज को अस्पताल ले जाते समय या फिर बीच सड़क पर खराब हो जाती है। इस दौरान चालकों को धक्का मारकर गाड़ियां चालू करनी पड़ती है। बावजूद इसके एजेंसी की ओर से पुरानी एंबुलेंस को हटाकर नई गाड़िया नहीं लगाई जा रही है। गाड़ियों को जो सामानाें की बदली की जा रही है, इसमें भी खानापूर्ति की जा रही है।
सप्ताह भर बाद मौसम विभाग ने मानसून के दस्तक देने की संभावना जताई है। जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण पगडंडियों के सहारे लोग आवाजाही करते हैं। कई ग्रामीण क्षेत्र तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में गाड़ियों की कमी की वजह से बारिश के मौसम में मरीजों की परेशानी बढ़ जाएगी।

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