राजस्थान-पंजाब में उतरा, गुजरात-एमपी-छत्तीसगढ़ में चढ़ा
रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के अधिकांश कुओं में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। पंजाब में महज 34.66 और हरियाणा में 44.54 प्रतिशत कुओं में ही भूजल स्तर में बढ़ोतरी हुई है। वहीं गुजरात के 61 फीसदी कुओं में जल स्तर सुधरा है। मध्यप्रदेश में 51.42, उत्तर प्रदेश 51.98, छत्तीसगढ़ 55.78 और पश्चिमी बंगाल में 58.81 प्रतिशत कुओं में जल स्तर ऊपर आया है।
जब भी प्रेशर महसूस करें, अपनी मां से 10 मिनट बात जरूर करें : बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल विजेता पद्मभूषण अभिनव बिन्द्रा
सीजीडब्ल्यूबी ने ऐसे तैयार की रिपोर्ट
सीजीडब्ल्यूबी देशभर में हर साल चार बार भूजल की निगरानी करता है। भूजल में दीर्घकालिक उतार-चढ़ाव का आकलन करने के लिए नवम्बर 2023 के दौरान सीजीडब्ल्यूबी की ओर से एकत्रित किए गए जल स्तर के आंकड़ों की तुलना नवम्बर के जल स्तर के दस वर्षों (2013-2022) के दशकीय औसत से की गई है।
आंकड़ों में समझें प्रदेश के हाल
विश्लेषित किए गए कुओं की संख्या : 753
भूजल स्तर में वृद्धि वाले कुएं: 253
भूजल स्तर में गिरावट : 500
02 मीटर तक जल स्तर वृद्धि वाले कुएं : 146
04 मीटर तक वृद्धि : 69 कुओं में
04 मीटर से ज्यादा की वृद्धि : 38
02 मीटर तक गिरावट : 223 में
04 मीटर तक गिरा भूजल : 121 कुओं में
04 मीटर से ज्यादा गिरावट वाले कुएं : 156
राजस्थान के इस जिले में कोचिंग से लेकर हॉस्टल तक बच्चों को बुलाने के लिए हो रहे कई नवाचार, सर्वे में ये हुआ खुलासा
चिंताजनक : झुंझुनूं-फलौदी में पैंदे बैठ रहा पानी
वर्ष 2023 में मानसून के बाद किए गए सर्वे के मुताबिक झुंझुनूं में 91.3 फीसदी कुओं में जल स्तर 40 मीटर से भी नीचे मिला। वहीं फलौदी में 76.9, सीकर में 73.2, कोटपुतली-बहरोड़ में 71.4, नागौर में 70 और जयपुर में 61.5 प्रतिशत कुओं में पानी 40 मीटर से ज्यादा गहराई पर रिपोर्ट हुआ। इस दौरान प्रदेश के 1061 कुओं का विश्लेषण किया गया था।
एक्सपर्ट व्यू: वर्षा जल को सहेजकर जमीन में पहुंचाना होगा
राजस्थान के कई इलाकों में खेती का रकबा बढ़ रहा है। पानी की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन उसके मुकाबले वर्षा जल को सहेजने के प्रयास नहीं हो रहे। नदियों पर एनिकट बने। व्यर्थ बहने वाले बारिश के पानी का संरक्षण हो। मकानों व कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे। जिससे पानी जमीन में पहुंच सके। तभी भू-जल स्तर बढ़ेगा। कृषि में भी पानी का समुचित उपयोग करना चाहिए। कम पानी वाली फसलों की पैदावार करने की आवश्यकता है।
-सुबोध मेहता, भूजल वैज्ञानिक, कोटा